दीनदयाल पूरम का समुदायिक केंद्र बना कूड़ा घर, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने किया था शिलान्यास
लखनऊ। राजधानी को मेट्रो सिटी बने हुए एक लंबा अरसा बीत चुका है। इस शहर को स्मार्ट सिटी का भी तमगा दिया जाता है। लेकिन इसी स्मार्ट सिटी में अभी कई ऐसे इलाके हैं, जहां के लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। उन्हीं में से एक इलाका है इंदिरा नगर क्षेत्र का दीनदयाल …
लखनऊ। राजधानी को मेट्रो सिटी बने हुए एक लंबा अरसा बीत चुका है। इस शहर को स्मार्ट सिटी का भी तमगा दिया जाता है। लेकिन इसी स्मार्ट सिटी में अभी कई ऐसे इलाके हैं, जहां के लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। उन्हीं में से एक इलाका है इंदिरा नगर क्षेत्र का दीनदयाल पुरम।
करीब 25 साल पहले साल 1997 में करीब 700 मकान आश्रयहीन आवास योजना के तहत गरीब परिवारों को सरकार की तरफ से काफी कम कीमत में मुहैया कराए गए थे।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने साल 1997 में 30 दिसंबर के दिन बतौर सांसद दीनदयाल पुरम में पहुंचे थे। इतना ही नहीं इस कॉलोनी में बने सामुदायिक केंद्र का शिलान्यास भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने किया था। लेकिन बीते कई सालों से यह सामुदायिक केंद्र कूड़ा डालने की जगह बन कर रह गया है।
बताया जा रहा है कि इस सामुदायिक केंद्र का निर्माण यहां रहने वाले परिवारों के लिए किया गया था, जहां पर वह अपने मांगलिक कार्यक्रम कर सके। लेकिन जिस सामुदायिक केंद्र का शिलान्यास पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने किया था, वह आज भाजपा सरकार में ही अनदेखी का शिकार है। सालों से यह समुदायिक केंद्र खंडहर बन कर रह गया है।
स्थानीय निवासी संजय के मुताबिक इसी सामुदायिक केंद्र में शादी विवाह का कार्यक्रम इलाकाई लोग किया करते थे। लेकिन समुदायिक केंद्र के क्षतिग्रस्त हो जाने और परिसर में गंदगी के चलते अब यहां कोई मांगलिक कार्यक्रम नहीं करता है।
इसी के बगल में एक अर्बन हेल्थ सेंटर भी हुआ करता था जहां डॉक्टर बैठते थे , जिससे यहां के गरीब लोगों को स्वास्थ्य सुविधा समय रहते मिल जाया करती थी। इस सेंटर का संचालन डूडा के जरिए हुआ करता था,लेकिन आज उस जगह पर आंगनबाड़ी केंद्र खुल गया है।
स्थानीय निवासी मुन्नी देवी बताती हैं कि पहले यहां पर डॉक्टर बैठते थे,आसपास के लोगों को इलाज मिल जाता था,लेकिन अब बीमार होने पर दूर इलाज के लिए जाना पड़ता है। वहीं जिस जगह पर आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन हो रहा है, उसके चारों तरफ कूड़ा ही कूड़ा बिखरा पड़ा है।
रामनरेश बताते हैं कि साफ सफाई करने वाले लोग तो आते हैं, लेकिन स्थानीय निवासी ही यहां पर कूड़ा डाल देते हैं। वह कहते हैं कि यदि स्थानीय लोग जागरूक हो जाएं, तो समस्या का समाधान भी काफी हद तक हो जाए।
खस्ताहाल साफ सफाई व्यवस्था के अलावा इस क्षेत्र की एक बड़ी समस्या और भी है, स्थानीय निवासी धर्मेश की माने तो पीने के पानी की भारी दिक्कत है। यहां बगल में ही ओवरहेड टैंक बना हुआ है। लेकिन पानी की सप्लाई साफ नहीं होती है, पानी बहुत गंदा आता है। जिसकी वजह से पीने का पानी नहीं मिल पाता। अजीत यादव के मुताबिक इसके लिए कई बार शिकायत की गई लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ,पानी गंदा ही आता है।
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