रामपुर: जोहर की नमाज के बाद मकबरा जनाबे आलिया में जोरदार प्रदर्शन, प्रधानमंत्री को भेजा ज्ञापन
रामपुर, अमृत विचार। सऊदी अरब के मदीना शहर में स्थित कब्रिस्तान जन्नत उल बकी में मासूमीन के मजारात ध्वस्त करने पर शिया मुस्लिमों ने प्रदर्शन कर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेजे ज्ञापन में मजारात की तामीर कराए जाने के लिए भारत सरकार द्वारा सऊदी सरकार पर दबाव बनाने की मांग की है। इसके अलावा कहा …
रामपुर, अमृत विचार। सऊदी अरब के मदीना शहर में स्थित कब्रिस्तान जन्नत उल बकी में मासूमीन के मजारात ध्वस्त करने पर शिया मुस्लिमों ने प्रदर्शन कर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेजे ज्ञापन में मजारात की तामीर कराए जाने के लिए भारत सरकार द्वारा सऊदी सरकार पर दबाव बनाने की मांग की है। इसके अलावा कहा गया है कि शिया समुदाय को मासूमीन के मजारात बनवाए जाने की अनुमति दिलाई जाए।
हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैही वसल्लम के बेटी बीबी फातिमा समेत उनके नवासे हजरत इमाम हसन के अलावा हजरत इमाम हुसैन के बेटे इमाम हजरत जैनुलआबेदीन, हजरत इमाम मोहम्मद बाकिर, हजरत इमाम जाफरो सादिक और नबी करीम के बेटे हजरत इब्राहीम और उनकी पत्नी के अलावा उनके असहाब के मजारात को 21 अप्रैल 1926 को आले सऊद ने बुलडोजर चलवाकर शहीद करा दिया था।
मजारात का निर्माण कराए जाने के लिए मंगलवार को शहर के मोहल्ला गुइया तालाब स्थित मकबरा जनाबे आलिया स्थित शिया जामा मस्जिद में जोहर की नमाज के बाद शिया समुदाय के लोगों ने इमामे जुमा मौलाना सैयद अली मोहम्मद नकवी के नेतृत्व में प्रदर्शन कर जन्नत उल बकी में मजारात की तामीर कराए जाने की मांग की। इसके बाद प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा है। प्रदर्शन करने वालों में असलम महमूद, इरफान अली जैदी, कमल रिजवी, सैयद इकबाल मेहंदी, जौहर सैफी, आरिफ मियां, मंसूर मियां, जहीर अली रब्बू, शोबी समेत काफी लोग शामिल रहे।
जन्नत उल बकी में मजारात बनवाने को मांगी अनुमित
रामपुर। इमामबाड़ा किला स्थित मस्जिद के पेश इमाम और आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना जमान बाकरी के नेतृत्व में सिटी मजिस्ट्रेट हेम सिंह को दिए ज्ञापन में मदीना शरीफ में स्थित जन्नत उल बकी कब्रिस्तान में शहीद हुए मजारों को बनवाए जाने की इजाजत मांगी गई है। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन में कहा गया है कि जन्नतुल बकी मदीना शहर का मशहूर कब्रिस्तान है जिसमें नबी ए करीम हजरत मोहम्मद मुस्तफा स. के खानदान वालों समेत उनके असहाब और अजवाज और मोमेनीन की माए ताबेईन समेत अहम लोगों के मजारात को आठ शव्वाल 1344 हिजरी 21 अप्रैल 1926 को सऊदी हुकूमत ने शहीद करा दिया था। मजारात को बनाने की शिया समुदाय को अनुमति दिलवाई जाए।
