Do’s and Don’ts: अब मंकीपॉक्स से मचा हाहाकार! बचना है तो अभी जान लीजिए इसके बारे में सबकुछ

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नई दिल्ली। पूरी दुनिया में हाहाकार के साथ-साथ अब भारत में भी मंकीपॉक्स (Monkeypox) ने दस्तक दे दी है। इसे कोरोना वायरस से भी ज्यादा खतरनाक वायरस माना जा रहा है। इसका खतरा देश में बढ़ता ही जा रहा है। सरकार ने इसके लिए एडवाइजरी भी जारी कर दी है। दुनिया के 75 देशों में …

नई दिल्ली। पूरी दुनिया में हाहाकार के साथ-साथ अब भारत में भी मंकीपॉक्स (Monkeypox) ने दस्तक दे दी है। इसे कोरोना वायरस से भी ज्यादा खतरनाक वायरस माना जा रहा है। इसका खतरा देश में बढ़ता ही जा रहा है। सरकार ने इसके लिए एडवाइजरी भी जारी कर दी है। दुनिया के 75 देशों में मंकीपॉक्स अपना पैर पसार चुका है।

क्या है मंकीपॉक्स?
मंकीपॉक्स एक तरह का वायरल इंफेक्शन है। डॉक्टरों का कहना है कि मंकीपॉक्स जूनोटिक डिजीज की श्रेणी में आता है। इसका मतलब यह है कि यह जानवरों से इंसानों में भी फैल सकता है। यह खतरनाक वायरस सबसे पहले बंदरों में मिला था।

मंकीपॉक्स 1970 में अफ्रीका के कांगो में पहला मरीज डायग्रोनस हुआ था। उसके बाद 2003 में कुछ मरीज अमेरिका में भी पाए गए थे। अब हाल में यूएनओ ने मंकीपॉक्स को वैश्विक महामारी के रूप में घोषित कर दिया है, क्योंकि ये कई देशों में बहुत तेजी से फैल रहा है।

कैसे पड़ा मंकीपॉक्स नाम?
मंकीपॉक्स 64 साल पहले यानि 1958 में लैब के बंदरों में पाया गया था। इसी के आधार पर इसका नाम मंकीपॉक्स रखा गया था। इंसानों में यह सबसे पहली बार कांगो देश के एक नौ महीने के बच्चे में साल 1970 में पाया गया था। एक स्टडी में दावा भी किया गया कि मंकीपॉक्स इंसानों से इंसानों में भी फैल सकता है।

कैसे फैलता है मंकीपॉक्स वायरस?
इस वायरस से संक्रमित मरीज के खांसने या छींकने के कारण निकलने वाले ड्रॉपलेट्स के संपर्क में अगर कोई व्यक्ति आ जाता है, तो वह भी मंकीपॉक्स का शिकार हो सकता है।

ऐसे में इस वायरस से संक्रमित मरीजों से दूरी बनाकर रखना ही उचित है। वहीं मरीज के सामान जैसे, तौलिया, बिस्तर, बर्तन आदि का उपयोग भी किसी दूसरे व्यक्ति को यूज करने से बचना चाहिए।

क्या हैं मंकीपॉक्स के लक्षण?
मंकीपॉक्स से संक्रमित मरीजों में चेचक जैसे लक्षण पाए जाते हैं। मरीज को तेज बुखार के साथ-साथ मुंह, हाथ, पैर पर चकत्ते पड़ने लगते हैं। वहीं शरीर में काफी खुजली महसूस होती है। सिरदर्द, बदन दर्द, सुस्ती लगना भी इस वायरस के लक्षण हैं।

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