यूपी फार्मासिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने उठाई मांग, कहा- लंबित पंजीकरण आवेदनों का शीघ्र हो निस्तारण
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में हजारों छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। यह वह छात्र हैं जिन्होंने फार्मेसी की पढ़ाई तो कर ली है,लेकिन अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करा सके हैं। बताया जा रहा है कि बिना पंजीकरण के कोई भी फार्मासिस्ट फार्मेसी की प्रैक्टिस नहीं कर सकता है। उत्तर प्रदेश फार्मेसी काउंसिल के पूर्व …
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में हजारों छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। यह वह छात्र हैं जिन्होंने फार्मेसी की पढ़ाई तो कर ली है,लेकिन अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करा सके हैं। बताया जा रहा है कि बिना पंजीकरण के कोई भी फार्मासिस्ट फार्मेसी की प्रैक्टिस नहीं कर सकता है। उत्तर प्रदेश फार्मेसी काउंसिल के पूर्व चेयरमैन एवं उत्तर प्रदेश फार्मासिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने फार्मेसी काउंसिल में डिप्लोमा फार्मेसी एवं बैचलर फार्मेसी के लंबित ऑफलाइन आवेदनों का समय से निस्तारण करने के लिए उत्तर प्रदेश शासन से अनुरोध किया है।
दरअसल,प्रदेश के हजारों छात्र अपनी गाढ़ी कमाई व पूंजी लगाकर फार्मेसी की पढ़ाई कर रहे हैं, उन छात्रों ने पंजीकरण का आवेदन ऑनलाइन होने के पहले ऑफलाइन किया था,उसमें से बहुत से मामलों का निस्तारण अभी भी लंबित है,जबकि शासन की तरफ से लंबित मामलों के निस्तारण के निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं छात्रों की समस्याओं को देखते हुए शासन का ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास फेडरेशन द्वारा किया गया है ।
फेडरेशन ने कहा कि किसी कार्य में विलंब होने पर भ्रष्टाचार की संभावना बढ़ जाती है। शासन द्वारा यह भी प्रयास किया गया है कि उत्तर प्रदेश फार्मेसी काउंसिल में किसी भी फार्मेसिस्ट को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर पैरवी करने की नौबत ना आए, लेकिन आवेदन लंबित रहने के कारण अक्सर वहां पर फार्मेसिस्ट छात्र या कई अन्य व्यक्ति फार्मेसी काउंसिल व्यक्तिगत रूप से आते रहते होंगे जिससे शासन की मंशा पर प्रतिकूल असर की संभावना है।
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