भारतीय रक्षा अताशे अब बेरोकटोक पेंटागन जा सकते हैं: अमेरिकी वायु सेना सेक्रेटरी

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वाशिंगटन। अमेरिका के रक्षा मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि भारतीय रक्षा अताशे अब बिना किसी रोक-टोक (अनएस्कॉर्ट) के पेंटागन जा सकते हैं। रक्षा अताशे आमतौर पर राजनयिक मिशन से संबद्ध एक सैन्य विशेषज्ञ होता है। अमेरिकी वायु सेना के सेक्रेटरी फ्रैंक केन्डाल ने अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू की …

वाशिंगटन। अमेरिका के रक्षा मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि भारतीय रक्षा अताशे अब बिना किसी रोक-टोक (अनएस्कॉर्ट) के पेंटागन जा सकते हैं। रक्षा अताशे आमतौर पर राजनयिक मिशन से संबद्ध एक सैन्य विशेषज्ञ होता है। अमेरिकी वायु सेना के सेक्रेटरी फ्रैंक केन्डाल ने अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू की ओर से स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सोमवार को इंडिया हाउस में आयोजित भोज के दौरान कहा कि इस तरह का कदम उस भरोसे और सहयोग को रेखांकित करता है जो अमेरिका और भारत के बीच हैं।

केन्डाल ने कहा कि भारतीय (रक्षा) अताशे टीम अब बेरोकटोक पेंटागन में जा सकते हैं। यह अहम रक्षा साझेदार के तौर पर भारत के साथ हमारे संबंधों की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि अगर आपको नहीं लगता कि पेंटागन तक बिना बाधा के पहुंच बड़ी बात है तो बता दूं कि मैं पेंटागन में अनुरक्षक (एस्कॉर्ट) के बिना नहीं जा सकता।
अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन में जाने की अनुमति पाना बेहद मुश्किल काम माना जाता है। यहां तक की अमेरिकी नागरिक भी उच्च स्तरीय सुरक्षा मंजूरी के बिना वहां नहीं जा सकते।

केन्डाल ओबामा प्रशासन के दौरान भारतीय मुद्दों पर काम कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि तभी से यह इच्छा थी कि राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में संबंध मजबूत हों। उन्होंने कहा कि भारत वह देश है जिसके साथ हम किसी अन्य देश की तुलना में ज्यादा अभ्यास करते हैं। हमारे दीर्घकालिक करीबी संबंध हैं और हम इसे बनाने तथा मजबूत करने में सफल रहे हैं।केन्डाल ने कहा कि द डिफेंस ट्रेड एंड टेक्नोलॉजी संबंधी पहल मजबूत हुई है।

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