शरीफ उस्मान हादी की मौत से बांग्लादेश में भड़की हिंसा: सड़कों पर जगह-जगह प्रदर्शन, देश में छाया मातम

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
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ढाका: बांग्लादेश के प्रमुख आंदोलनकारी नेताओं के प्रमुख चेहरों में से एक, शरीफ उस्मान हादी का सिंगापुर में इलाज के दौरान निधन हो गया। उनकी मौत की खबर फैलते ही पूरे देश में गुस्सा भड़क उठा। राजधानी ढाका समेत कई शहरों में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए, जिससे हिंसक झड़पें हुईं और कई जगहों पर आगजनी की घटनाएं सामने आईं।

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शरीफ उस्मान हादी कौन थे?

32 वर्षीय हादी बांग्लादेश के जुलाई विद्रोह के नायक थे। उन्होंने छात्रों को एकजुट कर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन चलाया, जिसके चलते हसीना को सत्ता छोड़कर देश से भागना पड़ा। हादी 'इंकलाब मंच' नामक छात्र संगठन के प्रवक्ता और वरिष्ठ नेता थे। यह संगठन हसीना विरोधी प्रदर्शनों की रीढ़ माना जाता था। हादी भारत के भी कट्टर आलोचक थे और अक्सर पड़ोसी देश की नीतियों पर तीखे हमले करते थे।

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फरवरी 2026 में होने वाले आम चुनावों के लिए वे ढाका-8 सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में प्रचार कर रहे थे।

12 दिसंबर को हुआ था जानलेवा हमला

12 दिसंबर को ढाका में मस्जिद से निकलते समय या चुनाव प्रचार के दौरान नकाबपोश हमलावरों ने हादी पर गोली चलाई। सिर में गोली लगने से उनकी हालत गंभीर हो गई। पहले उन्हें ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया, फिर बेहतर इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में शिफ्ट किया। हालत बिगड़ने पर 15 दिसंबर को उन्हें एयर एम्बुलेंस से सिंगापुर जनरल अस्पताल के न्यूरोसर्जिकल आईसीयू में ले जाया गया। डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद वे बच नहीं सके और 18 दिसंबर को उनका निधन हो गया।

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मौत के बाद भड़की हिंसा

मीडिया रिपोर्ट की मानें तो हादी की मौत की पुष्टि होते ही ढाका में शाहबाग चौराहे पर हजारों प्रदर्शनकारी जुट गए। गुस्साए लोगों ने प्रमुख अखबारों 'डेली स्टार' और 'प्रोथोम आलो' के दफ्तरों पर हमला किया, तोड़फोड़ की और आग लगा दी। कई जगहों पर अवामी लीग से जुड़ी संपत्तियों को निशाना बनाया गया। कुछ रिपोर्ट्स में भारत विरोधी नारे भी लगे और चटगांव में भारतीय सहायक उच्चायोग पर पत्थरबाजी हुई।

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अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने हादी की मौत को राष्ट्र के लिए अपूरणीय क्षति बताया और एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और हमलावरों को जल्द पकड़ने का वादा किया। पुलिस ने दो संदिग्धों की तस्वीरें जारी की हैं और इनाम की घोषणा की है।

बांग्लादेश की राजनीति में यह घटना नई उथल-पुथल का संकेत दे रही है, खासकर चुनावों से पहले। हादी की मौत ने छात्रों और युवाओं में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है।

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