खाद माफिया पर शिकंजा कसने की तैयारी... उर्वरक कालाबाजारी नहीं सामान्य अपराध, NSA के तहत कार्रवाई करने की बनी रूपरेखा
डेली स्टॉक रिपोर्टिंग, औचक निरीक्षण, अफसरों की मिलीभगत और एफआईआर को लेकर बन रही कार्ययोजना
लखनऊ, अमृत विचार: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट और सख्त निर्देशों के बाद अब खाद एवं कृषि विभाग ने उर्वरक कालाबाजारी के खिलाफ कार्रवाई की ठोस कार्ययोजना तैयार करना शुरू कर दिया है। शासन स्तर पर यह तय किया गया है कि खाद की कालाबाजारी, जमाखोरी और ओवररेटिंग को अब सामान्य या रूटीन अपराध की तरह नहीं देखा जाएगा। इसे सीधे खाद्य सुरक्षा, किसान हित और प्रदेश की अर्थव्यवस्था से जुड़ा गंभीर अपराध मानते हुए सख्त कानूनी कदम उठाए जाने की कार्ययोजना तैयार हो रही है।
मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक के बाद विभागों को निर्देश मिले हैं कि कालाबाजारी में लिप्त तत्वों के खिलाफ एफआईआर से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) तक की कार्रवाई का स्पष्ट खाका तैयार किया जाए। खाद एवं रसद, कृषि और जिला प्रशासन मिलकर यह तय कर रहे हैं कि किन परिस्थितियों में साधारण धाराएं लगेंगी और किन मामलों में एनएसए जैसी कठोर कार्रवाई आवश्यक होगी।
प्रदेश के सभी जिलों में डेली स्टॉक रिपोर्टिंग सिस्टम को सख्ती से लागू कराने की योजना है। हर खाद दुकान और गोदाम से रोजाना स्टॉक और बिक्री का विवरण ऑनलाइन लेने के बाद उसकी क्रॉस चेकिंग की जाएगी, ताकि किसी भी जिले या ब्लॉक में संभावित कमी का समय रहते आकलन हो सके।
अधिकारियों की जवाबदेही तय करने की तैयारी
योजना के तहत औचक निरीक्षण को और प्रभावी बनाया जाएगा। निगरानी में चूक करने वाले अफसरों की भी भूमिका तय की जा रही है। यदि किसी स्तर पर मिलीभगत सामने आती है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ विभागीय और कानूनी कार्रवाई की रूपरेखा बनाई जा रही है।
