काकराबाद में 6 एकड़ में बनेगा भातखंडे संस्कृति विवि का नया परिसर, बोले CM- राज्य के हर जिले को संगीत विद्यालय से जोड़ा जाएगा 

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Published By Muskan Dixit
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अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा विवि का नया परिसर

लखनऊ, अमृत विचार। भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय अपने शताब्दी समारोह के साथ ही विस्तार की ओर बढ़ चला है। तीन दिवसीय शताब्दी समारोह का उदघाटन करने आये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां घोषणा की कि बक्शी का तालाब के काकराबाद इलाके में 6 एकड़ जमीन पर भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय का नया परिसर बनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे पास आजमगढ़ के हरिहरपुर गांव से 6 साल का एक बच्चा आया था। उसने मुझे सारेगामा सुनाया। उसकी गायकी ने मुझे काफी प्रभावित किया। इसके बाद सरकार ने हरिहरपुर में संगीत महाविद्यालय की स्थापना की ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग संगीत सीख सकें।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अपना काम कर रहा है लेकिन हम जिलों में संगीत महाविद्यालय बना रहे हैं ताकि संगीत चेतना पूरे प्रदेश में फैल जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1926 में विष्णु नारायण भातखंडे ने संगीत का जो छोटा सा केंद्र खोला था वह 100 साल में अपने नये कलेवर के साथ विश्वविद्यालय में बदल गया है लेकिन मुझे लगता है कि भातखंडे जी ने जो केंद्र शुरू किया था उसमें सुविधाएं पर्याप्त थीं लेकिन आज के विश्वविद्यालय में सुविधाएं पर्याप्त नहीं हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की कि काकराबाद में वैश्विक स्तर का संगीत विश्वविद्यालय बनाया जाएगा। उसमें 250 दर्शकों के बैठने वाला एक प्रेक्षागृह बनेगा तो दूसरे में 1200 दर्शक बैठ सकेंगे। इसके अलावा एक खुला प्रेक्षागृह भी बनाया जाएगा। नये विश्वविद्यालय में एक अच्छा पुस्तकालय और सभी आधुनिक सुविधाएं मौजूद रहेंगी।

मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय प्रशासन से कहा कि शताब्दी वर्ष में यह सुनिश्चित करें कि साल भर में पुरातन छात्रों की 100 प्रस्तुतियां करायें। इस काम में संस्कृति और पर्यटन विभाग विश्वविद्यालय की मदद करें।

विश्वविद्यालय के मौजूदा परिसर को उन्होंने संग्रहालय में बदलने को कहा। इस परिसर में इसके संस्थापक विष्णु नारायण भातखंडे से लेकर अब तक निदेशक, प्रधानाचार्य और कुलपति रहने वालों के साथ-साथ उन विद्यार्थियों के बारे में भी जानने का मौका मिलेगा जिन्होंने दुनिया में संगीत और भातखंडे का नाम ऊंचा किया। विश्वविद्यालय में मौजूद पुस्तकों और दस्तावेज का डिजिटलीकरण कराने की बात भी उन्होंने की।

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