हल्द्वानी: घोड़ासन गैंग – नेपाल पहुंचे ‘गधे’, ‘मास्टर’ से दूर निकले गुर्गे
सर्वेश तिवारी, हल्द्वानी। देश के पांच से ज्यादा राज्यों में चोरी की तमाम वारदातों को अंजाम देने वाले घोड़ासन गैंग ने हल्द्वानी में बड़ी चोरी की और अब खबर ये है कि गैंग के ‘गधे’ माल समेत नेपाल की सीमा पार कर चुके हैं। जबकि गुर्गे ‘मास्टर’ यानि पुलिस से आगे निकल चुके हैं। खास …
सर्वेश तिवारी, हल्द्वानी। देश के पांच से ज्यादा राज्यों में चोरी की तमाम वारदातों को अंजाम देने वाले घोड़ासन गैंग ने हल्द्वानी में बड़ी चोरी की और अब खबर ये है कि गैंग के ‘गधे’ माल समेत नेपाल की सीमा पार कर चुके हैं। जबकि गुर्गे ‘मास्टर’ यानि पुलिस से आगे निकल चुके हैं। खास बात ये है कि कई सालों से कई राज्यों की पुलिस के नाक में दम कर रहे गैंग के फुल प्रूफ प्लान को किसी भी राज्य की पुलिस अभी तक ब्रेक नहीं कर पाई। ऐसे में हल्द्वानी पुलिस के पास एक बड़ा मौका है।
हम माल समेत जिन गधों के नेपाल सीमा में दाखिल होने की बात कह कर रहे हैं, दरअसल ये गैंग के ही सदस्य हैं और गैंग के गुर्गे ही इन्हें गधा कहकर संबोधित करते हैं। होता ये है कि चोरी के माल गैंग को टुकड़ों में बट जाता है। एक गैंग दूसरे राज्य में रेकी के लिए निकल जाता है जबकि दूसरा गुट माल बेचने नेपाल चला जाता है और इस माल ढोने वाले गुट को गधा कहा जाता है। जबकि मास्टर शब्द का इस्तेमाल गैंग के लोग पुलिस के लिए करते हैं।
खैर, बीते शुक्रवार की भोर नैनीताल रोड चर्च कंपाउंड स्थित विष्णु खंडेवाल के वन प्लस मोबाइल शोरूम का शटर उठाने वाला ये घोड़ासन गैंग पुलिस के पहुंच से दूर है। पुलिस की उन रास्तों पर पैनी नजर है जो उत्तराखंड और बिहार से नेपाल जाते हैं। चूंकि गैंग का ब्रिकी बाजार नेपाल है, ऐसे में पुलिस ने सवा करोड़ के मोबाइल के साथ गैंग को रास्ते में ही दबोचने का प्लान बनाकर बैठी है।
यहां खास बात ये है कि इस गैंग को ब्रेक करना हल्द्वानी पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है। दरअसल, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश समेत कुछ और राज्यों भी इस गैंग ने वारदात को अंजाम दिया और पुलिस अभी तक गैंग को पूरी तरह ब्रेक कर पाना मुम्किन नहीं हो पाया। ऐसे में हल्द्वानी पुलिस के सामने चुनौती तो है, लेकिन एक बड़ा मौका भी है।
10 गांव और 200 से अधिक गुर्गों का गैंग है घोड़ासन
हल्द्वानी। बिहार के मोतिहारी में एक स्थान है घोड़ासन और इसी के नाम पर घोड़ासन गैंग का नाम पड़ा। दो सौ से अधिक लोगों के इस गैंग में दस से ज्यादा गांव शामिल हैं। ये 30 से अधिक गिरोहों का एक संगठित गैंग है। ये एक चादर के सहारे वारदात को अंजाम देते हैं और इशारों में बात करते हैं या फिर पुलिस या अन्य हलचल होने पर कहते हैं कि ‘मास्टर जी का चक्का डोल रहा है’। छह से सात की संख्या वाले गैंग में दो पहलवान जैसे होते हैं, जो चादर की आड़ में शटर उठाते हैं और गैंग में दो पतले होते हैं, जिन्हें शटर के नीचे से शोरूम के अंदर भेजा जाता है।
गुर्गे पकड़े गए और नेपाल में एक्टिव मिले मोबाइल
हल्द्वानी। मुरादाबाद में आठ लाख के मोबाइल चोरी करने वाले इस गैंग ने राजस्थान के वैशालीनगर थाना इलाके से एक करोड़ 20 लाख के मोबाइल चोरी किए थे। इसके अलावा मुम्बई के नालासोपारा में गैंग ने कई वारदातों को अंजाम दिया है। करीब तीन साल पहले मुंबई नालासोपारा पुलिस ने 10 और ठाणे पुलिस ने गैंग के 12 गुर्गे पकड़े भी, लेकिन माल बरामद नहीं कर सकी। जबकि राजस्थान पुलिस गिरोह के सदस्यों को तो पकड़ नहीं पाई, लेकिन इतना जरूर पता लगा लिया कि चोरी के मोबाइल नेपाल में एक्टिव हैं। ऐसा ही एक गैंग महिलाओं का दिल्ली में सामने आया था।
