वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बोलीं- स्वदेशी है भारत का 5जी, दूसरे देशों को भी दे सकते हैं सेवाएं
दिल्ली/वाशिंगटन। भारत ने स्वदेशी स्तर पर विकसित 5जी अवसंरचना शुरू कर दी है और अब वह इसे अन्य देशों के साथ साझा करने के लिए तैयार है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को यह कहा। जॉन हॉपकिन्स स्कूल ऑफ एडवांस्ड इंटरनेशनल स्टडीज में छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, इसकी (भारत की …
दिल्ली/वाशिंगटन। भारत ने स्वदेशी स्तर पर विकसित 5जी अवसंरचना शुरू कर दी है और अब वह इसे अन्य देशों के साथ साझा करने के लिए तैयार है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को यह कहा। जॉन हॉपकिन्स स्कूल ऑफ एडवांस्ड इंटरनेशनल स्टडीज में छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, इसकी (भारत की 5जी प्रौद्योगिकी की) कहानी अभी लोगों तक पहुंची नहीं है। हमने देश में जो 5जी सेवा शुरू की है वह पूरी तरह से अपने दम पर की है। यह पूरी तरह से स्वेदशी तकनीक है और जिसे चाहिए उसे (देश को) हम 5जी दे सकते हैं।’’
सीतारमण ने कहा, 5जी कहीं और से नहीं लाई गई बल्कि यह पूरी तरह से हमारा उत्पाद है। उन्होंने कहा कि इसे अभी भारत के चुनिंदा शहरों में शुरू किया गया है और यह 2024 तक पूरे देश में शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा, 5जी की बात करें तो हम भारत की उपलब्धियों पर गर्व कर सकते हैं।
Union Finance Minister Smt. @nsitharaman addresses scholars of @SAISHopkins on India’s unique Digital Public Goods #DPG story & multiplier effects created through the interlinkages of ‘Technology, Finance and Governance’. The session was moderated by Mr @krishna_pravin. pic.twitter.com/OM1Q4Nec9C
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) October 13, 2022
‘भारत की सार्वजनिक वस्तुएं जरूरतमंद देशों के लिए उपलब्ध’
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ने ‘जॉन्स हॉपकिन्स स्कूल ऑफ एडवांस्ड इंटरनेशनल स्टडीज’ (एसएआईएस) के छात्रों को भारत की अनूठी ‘डिजिटल सार्वजनिक वस्तुओं’ पर एक संवादात्मक सत्र के दौरान संबोधित करते हुए कहा, ‘‘यहां खड़े होकर मैं दोहराना चाहती हूं कि भारत की सार्वजनिक वस्तुएं उन देशों के लिए उपलब्ध हैं, जिन्हें इसकी आवश्यकता है।’’ मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत के पास डिजिटल सेवाओं का भंडार है, जिसका अन्य देश उपयोग कर सकते हैं। सीतारमण ने बताया कि भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) फ्रांस में एक समझौते पर पहले ही हस्ताक्षर कर चुका है और इसलिए एनपीसीआई के तहत आने वाले सभी ऐप वहां उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा, ‘‘उनसे उन सार्वजनिक वस्तुओं के लिए भुगतान नहीं लिया जाता, जो हमने बनाई हैं।’’
‘कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान भारत ने एक ऐसा ऐप बनाया…’
सीतारमण ने दोहराया कि भारतीय सार्वजनिक वस्तुएं अन्य देशों में उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि उदाहरण के तौर पर कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान भारत ने एक ऐसा ऐप बनाया, जिसकी मदद से कोई भी व्यक्ति अपने निकटतम अस्पताल को ढूंढ सकता है और जो उन्हें टीकाकरण केंद्र की जानकारी देता है। वित्त मंत्री ने कहा कि यह ऐप टीकाकरण के बाद उसकी जानकारी रिकॉर्ड कर लेता है और लोगों को फोन पर प्रमाण पत्र भी भेज देता है। उन्होंने कहा कि इसकी वजह से विदेश जाने वाले यात्रियों को अपने टीकाकरण का सबूत दिखाने के लिए कागज साथ नहीं रखना पड़ता। वित्त मंत्री ने कहा कि अब यह ऐप अन्य देशों में भी उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसी तरह प्रौद्योगिकी शिक्षा में बदलाव ला रही है।’’ उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि पिछले दो वर्षों में प्रौद्योगिकी का विकास और इसके अनुकूल खुद को ढालना भारत के लिए सबसे बड़ा लाभ बन गया है।
‘वैश्विक अर्थव्यवस्था की चुनौतियों से निपटने की सामूहिक जिम्मेदारी’
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था एक साथ कई तरह की चुनौतियों से जुझ रही है और इसके खतरों से निपटने की हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। सीतारमण ने यहां अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक के इतर जी 20 वित्त मंत्रियों और केन्द्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठक के समापन को संबोधित करते हुए कहा कि जी 20 वित्त मंत्रियों ने जोखिम भरी वैश्विक स्थिति से निपटने के लिए अपने मतभेदों को एक तरफ रखकर हमेशा साथ आए हैं तथा लोगों की समृद्धि के एक लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में काम किया है। उन्होंने जी 20 वित्त मंत्रियों और केन्द्रीय बैंक के गवर्नरों से इस दिशा में काम जारी रखने की भी अपील की। वित्त मंत्री ने कहा “भारत का मनना है कि जी 20 की मेजबानी करना एक अवसर होने के साथ ही जिम्मेदारी भी है। बहुलतावादी के प्रति विश्वास को पुन: स्थापित करना भारत की सोच का मुख्य धेय है। भारत की पहल से अंतर निर्भरता को मानने को बढ़वा देना है। हम सभी की एक ही चाहत सुरक्षित, शांत और समृद्ध विश्व की है।
‘जोखिम बढ़ने से रोकने के लिए सामूहिक जिम्मेदारी का आह्वान किया’
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जोखिम बढ़ने से रोकने के लिए सामूहिक जिम्मेदारी का आह्वान किया। सीतारमण ने कहा कि भारत का प्रयास उन संवादों को प्रोत्साहित करना रहेगा, जो एक सुरक्षित, शांतिपूर्ण एवं समृद्ध विश्व के लिए ‘‘हमारी आपसी निर्भरता, हमारे साझा ज्ञान और हमारी सामूहिक आकांक्षा’’ को समझते हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत जी-20 समूह की अगले वर्ष अध्यक्षता करेगा। जी-20 की अध्यक्षता वार्षिक आधार पर बारी-बारी से सदस्य देशों को मिलती है। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत जी 20 का अध्यक्ष पद संभालने को एक अवसर के साथ-साथ एक जिम्मेदारी के रूप में देखता है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत की सोच का आधार बहुपक्षवाद में विश्वास फिर से कायम करना है।’
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