बरेली: कंडुआ रोग गन्ने की फसल को पहुंचाता है भारी नुकसान, बिहार में दिखा था इस रोग का प्रकोप
यह रोग गन्ने के साथ-साथ धान को भी नुकसान पहुंचाता है।
बीएससी प्रथम सेमेस्टर वनस्पति शास्त्र के छात्र-छात्राओं ने प्रयोगात्मक कक्षा के दौरान अपने पाठ्यक्रम में सम्मिलित स्मॅट रोग (कंडुआ रोग) के
बरेली, अमृत विचार। बीएससी प्रथम सेमेस्टर वनस्पति शास्त्र के छात्र-छात्राओं ने प्रयोगात्मक कक्षा के दौरान अपने पाठ्यक्रम में सम्मिलित स्मॅट रोग (कंडुआ रोग) के संक्रमण से संक्रमित पौधों को बरेली कॉलेज, बरेली खेल के मैदान पर खोजा तथा दूब घास के पौधे इस रोग से संक्रमित मिले।
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कक्षा के दौरान वनस्पति शास्त्र के सहायक प्रोफेसर डॉ.राजीव यादव ने छात्र-छात्राओं को बताया कि स्मट रोग (कंडुआ रोग) कवक (फफूंद) आस्टिलैगो की एक प्रजाति द्वारा मुख्यतः गन्ने के कुल के पौधों पर फैलता है तथा अन्य घास के रोगों का कारण भी बनता है।
कवक पौधों पर आक्रमण कर संपूर्ण पुष्पक्रम को नष्ट कर देता है जिससे बीज बनने की संभावना पूरी तरह खत्म हो जाती है एवं पौधा बांझ हो जाता है। स्मट्स के बीजाणु (क्लैमाइडोस्पोर) काली कालिख के समान अथवा धूल जैसे पाउडर के समान दिखाई देते हैं। जो पाउडर के काले द्रव्यमान में परिवर्तित हो जाते हैं।
तापमान में उतार-चढ़ाव और हवा इस रोग को बढ़ने में मदद करते हैं। यह रोग भारतीय फसलों में सर्वप्रथम 1906 में बिहार से देखा गया था रोग का प्रकोप पूरे वर्ष दिखाई देता है लेकिन यह गंभीर रूप से मई- जून महीने में फसलों को नुकसान पहुंचाता है वातावरण शुष्क तथा तापमान अधिक होने पर यह अधिक संक्रामक होने लगता है।
रोगी पौधे के ऊपरी भाग पर एक पतली चमकीली सफेद झिल्ली से ढके हुए बीजाणु का काले रंग का पाउडर भरा रहता है यह पाउडर ही वास्तव में रोग पैदा करने वाले फफूंद के बीजाणु होते हैं जो झिल्ली के फटने पर हवा द्वारा अन्य पौधों पर पहुंच जाते हैं और उनको भी इस रोग की चपेट में ले लेते हैं।
यह रोग गन्ने के साथ-साथ धान को भी नुकसान पहुंचाता है। कार्बेंडाजिम 50 प्रतिशत डब्ल्यूपी की 200 ग्राम मात्रा को 200 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ छिड़काव करने पर रोक को नियंत्रित किया जा सकता है।
स्मट अथवा कंडुआ रोग से संक्रमित पौधों के सर्वे में शोभा, दिशा, सुहानी चौधरी, कीर्ति सिंह, दिनाक्षी कुमारी, शिखा सिंह, नीतू, संदीप, स्नेहा यादव, खुशी गौतम, अनीता देवी, शिवानी गंगवार, हिमांशी, रिंकी गंगवार, शिखा गंगवार, दीक्षा गंगवार ,अरुण पांडे, कोशांत, अंकित यादव, अरुण यादव, अमित, उपासना राघव, दिव्या कनौजिया, सपना, हुदा सिद्दीकी, एरिका डेनियल, कशिश फातिमा, पलक सिंह महेश सक्सेना, मनीष कुमार, आरती, दामिनी, अर्पिता पटेल, शिवानी, वैष्णवी सिंह, नीरज मौर्य, उदय इत्यादि छात्र-छात्राओं ने सहभागिता की।
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