भीमताल: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भीमताल का हाल खराब 

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Published By Babita Patwal
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भीमताल, अमृत विचार। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में समुचित स्वास्थ्य सुविधाएं न होने से नगर और आसपास के दो दर्जन से अधिक गांवों के लोग परेशान हैं। ग्रामीण अस्पताल की दशा सुधारने की मांग कर रहे हैं लेकिन शासन-प्रशासन तथा स्वास्थ्य विभाग ध्यान नहीं दे रहा है। हालत यह है कि छोटे-छोटे केसों को भी हल्द्वानी रेफर करना पड़ता है।

अस्पताल में अल्ट्रासाउंड जैसी साधारण सुविधा नहीं होने से गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड के लिए हल्द्वानी जाना पड़ता है। पीएम मोदी द्वारा लोगों को सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए अस्पतालों में जन औषधि केंद्र खोले जाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बावजूद भीमताल का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इस सुविधा से वंचित है। जिसके चलते ग्रामीणों को बाहर मेडिकल स्टोरों से महंगी दवाइयां खरीदने पर मजबूर होना पड़ता है।

लोगों का कहना है कि जब नगर की स्वास्थ्य व्यवस्था का ये हाल है तो फिर अंदाजा लगाया जा सकता है कि भीमताल विधानसभा के धारी, ओखलकांडा, रामगढ़ ब्लॉकों के गांवों में स्वास्थ्य सुविधाएं कैसी होंगी। बता दें कि ओखलकांडा  ब्लॉक के ग्राम डालकन्या निवासी ललित बुगियाल की पत्नी गर्भवती थी। इलाज के अभाव में बीती 29 नवंबर को वहां पर मौजूद पीएचसी में प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा दोनों की ही मौत हो गई थी।

मांगों पर नहीं हो रही सुनवाई
सामाजिक कार्यकर्ता पूरन चंद्र बृजवासी का कहना है कि कई बार शासन-प्रशासन व प्रतिनिधियों से भीमताल सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की दशा सुधारने की मांग की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में चिकित्सकों, नर्सों व अन्य स्टाफ बढ़ाने, हॉस्पिटल में जेनेरिक औषधि केन्द्र खोलने, पैथोलॉजी लैब निर्माण, अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था करने, एनटी रेबीज वैक्सीन उपलब्ध कराने, एम्बुलेंस की व्यवस्था करने की मांग कई बार की जा चुकी है। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। शासन-प्रशासन के बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के दावे धरातल पर खोखले साबित हो रहे हैं।

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