हरियाणा में अब जमीनी फर्द पर क्यूआर कोड लगेगा : उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला 

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Published By Vishal Singh
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सिरसा। हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि प्रदेश में जमीन की फर्द तैयार करने के लिए नया सॉफ्टवेयर लिया गया है, जिसके माध्यम से किसानों को अपनी जमीन की फर्द लेने के लिए पटवारखानों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। चौटाला ने कहा कि इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से जो फर्द यानी जमाबंदी निकाली जाएगी, उस पर क्यू आर कोड अंकित होगा। क्यू आर कोड अंकित होने के कारण ही इस फर्द को वैरीफाइड डॉक्यूमेंट माना जाएगा। 

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उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने यह सॉफ्टवेयर केंद्र सरकार से खरीदा है और इस सॉफ्टवेयर से जो जमाबंदी निकाली जाएगी, उससे किसान ऋण भी ले सकेंगे और पटवारी से हस्ताक्षर करवाने की भी जरूरत नहीं होगी। इसके अलावा उन्होंने यह भी घोषणा की कि अब पीले कार्ड बनवाने के लिए लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे, बल्कि आगामी एक जनवरी से एक लाख 80 हजार से कम आय वाले परिवारों की वैरीफाइड आय के आधार पर पीले कार्ड स्वत: ही बन जाएंगे। 

उपमुख्यमंत्री मंगलवार को ऐलनाबाद उपमंडल के गांव मिठी सुरेरां में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। सभा के आयोजक पूर्व मंत्री भागीराम ने उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला व साथ आए अन्य नेताओं का स्वागत किया। चौटाला ने कार्यक्रम में पहुंचे नवनिर्वाचित सरपंच-पंचों को बधाई देते हुए कहा कि गांवों में भाईचारा बनाए रखें और भाईचारे को कायम रखते हुए विकास पर अपना फोकस करें।

उन्होंने कहा कि सरकार ने टैक्रोलॉजी की मदद से न केवल भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया है, बल्कि ऐसी व्यवस्था तैयार की है कि अब लोगों को घर बैठे ही सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है। इसके लिए अब कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते। हरियाणा की गठबंधन सरकार ने गांवों व शहरों के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी है और ना ही भविष्य में किसी प्रकार की कोई कोर कसर छोड़ी जाएगी, ऐसा मेरा वायदा प्रदेश की जनता से है। 

इस अवसर पर पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सरदार निशान सिंह, पूर्व मंत्री भागीराम, पूर्व विधायक कृष्ण कंबोज, राजेंद्र लितानी,जिला अध्यक्ष सर्वजीत मसीतां व अनिल कासनियां सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों से सरकार में लगातार गरीब व कमेरे वर्ग की भलाई व खुशहाली के लिए काम कर रहे हैं। इन प्रयासों का ही परिणाम है, जो बदलाव आया है, उससे हर वर्ग लाभान्वित हुआ है।

अब किसानों को अपनी फसल के पैसों के लिए आढ़ती के पास जाने की जरूरत नहीं रह गई है, बल्कि किसानों के खातों में उनकी फसल की राशि सीधे डाली जाती है, वो भी 72 घंटे के भीतर। लोगों में भ्रम पैदा किया गया कि आढ1ती की दुकान बंद हो जाएंगी। लेकिन इससे न तो किसी आढ़ती की दुकान बंद हुई और न ही किसी आढ़ती को किसी प्रकार का नुकसान हुआ है। 

इस प्रकार के बदलाव से किसान पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हुआ है। उन्होंने कहा कि पहले डीसी रेट की नौकरियों में ठेकेदारी प्रथा का चलन था, जिससे कर्मचारियों की अकसर ठेकेदार को लेकर शिकायत रहती थी। अब सरकार ने ठेकेदारी प्रथा को खत्म कर हरियाणा कौशल रोजगार निगम बनाया है, जिसके माध्यम से युवाओं को पारदर्शी ढंग से सरकारी नौकरी में आने का अवसर मिला है। इसमें गरीब परिवारों के बच्चों को वरीयता दी जाएगी। 

उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों के स्वास्थ्य को लेकर भी सरकार पूरी तरह से गंभीर है। जिस भी परिवार की आय 1.80 हजार रुपये से कम है,उन परिवारों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं। ऐसे परिवार का सदस्य मेडिकल एमरजेंसी में देशभर में कहीं पर भी अपना इलाज करवा सकता है। हाल ही में सरकार ने किसानों के खाते में उनकी फसल खरीद की 12 हजार करोड़ रुपये की राशि सीधे 72 घंटों में डाली है। कृषि से संबंधित निर्णयों व योजनाओं से किसान पहले से और अधिक सशस्त हुआ है। 

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