कोविड की आशंका से शेयर बाजार दहला, सेंसेक्स -निफ्टी लुढ़के, रुपया सात पैसे टूटा

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Published By Sakshi Singh
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सेंसेक्स 1,060.66 अंक यानी 1.74 प्रतिशत तक धराशायी हो गया था। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में भी 320.55 अंक यानी 1.77 प्रतिशत की बड़ी गिरावट दर्ज की गई।

मुंबई। चीन समेत कुछ देशों में कोविड-19 संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने से शुक्रवार को एशियाई बाजारों में गिरावट का रुख रहा। स्थानीय बाजार भी इससे अछूते नहीं रहे और बड़े नुकसान के साथ बंद हुए। दोनों प्रमुख सूचकांकों में गिरावट का यह लगातार चौथा दिन रहा। निवेशकों की भारी बिकवाली से बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 980.93 अंक यानी 1.61 प्रतिशत लुढ़कते हुए 59,845.29 अंक पर खिसक आया।

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कारोबार के दौरान एक समय सेंसेक्स 1,060.66 अंक यानी 1.74 प्रतिशत तक धराशायी हो गया था। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में भी 320.55 अंक यानी 1.77 प्रतिशत की बड़ी गिरावट दर्ज की गई। निफ्टी 17,800 के मनोवैज्ञानिक स्तर से भी नीचे आ गया था लेकिन अंत में यह थोड़ा सुधरते हुए 17,806.80 अंक पर बंद हुआ। 

सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में से टाटा स्टील को सर्वाधिक पांच प्रतिशत का नुकसान उठाना पड़ा। इसके अलाव टाटा मोटर्स, भारतीय स्टेट बैंक, बजाज फिनसर्व, रिलायंस इंडस्ट्रीज, विप्रो, इंडसइंड बैंक, लार्सन एंड टुब्रो और मारुति सुजुकी के शेयर भी खासे नुकसान में रहे। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया के कॉस्पी, जापान के निक्की, चीन के शंघाई कम्पोजिट तथा हांगकांग के हैंगसेंग में गिरावट का रुख रहा। हालांकि, यूरोप के बाजार दोपहर के सत्र में बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे। 

अमेरिकी बाजार बृहस्पतिवार को गिरावट के साथ बंद हुए थे। रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के उपाध्यक्ष (तकनीकी शोध) अजित मिश्रा ने कहा, घरेलू बाजार निचले स्तर पर ही रहे और कमोबेश दो प्रतिशत तक टूट गए। यह बाजार में जारी गिरावट के मौजूदा रुख के अनुरूप ही है। अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.89 प्रतिशत चढ़कर 82.51 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। बाजार में जारी गिरावट के बीच विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को खरीदारी की। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, एफआईआई ने 928.63 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध लिवाली की।

रुपया सात पैसे टूटकर 82.86 प्रति डॉलर पर आया
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले शुक्रवार को रुपया सात पैसे की तेजी के साथ 82.86 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। ब्याज दरों में वृद्धि की चिंताओं के बीच कच्चे तेल की कीमतों में मजबूती और घरेलू शेयर बाजार में भारी गिरावट से रुपये की धारणा प्रभावित हुई। बाजार सूत्रों ने कहा कि वैश्विक बाजारों में डॉलर के कमजोर होने से रुपये की गिरावट पर अंकुश लग गया। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 82.81 के स्तर पर कमजोर खुला और कारोबार के अंत में यह सात पैसे की हानि दर्शाता 82.86 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान रुपये में 82.77 के उच्चस्तर और 82.88 के निचले स्तर को छुआ। 

बाजार विश्लेषकों ने कहा कि निवेशकों को यह चिंता सता रही है कि अमेरिकी के मजबूत आर्थिक आंकड़ों की वजह से मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए फेडरल रिजर्व ब्याज दर में और वृद्धि करने की सोच सकता है। इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.14 प्रतिशत घटकर 104.49 रह गया। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा दो प्रतिशत बढ़कर 82.61 डॉलर प्रति बैरल हो गया। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 980.93 अंक घटकर 59,845.29 अंक पर बंद हुआ। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध लिवाल रहे और उन्होंने बृहस्पतिवार को 928.63 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे। 

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