Kanpur SBI Bank Theft : पुलिस से एक कदम आगे निकले चोर, छह संदिग्ध हिरासत में, कई टीमें खुलासे के लिए लगी

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Published By Kanpur Digital
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Kanpur SBI Bank Theft कानपुर में एसबीआई बैंक में चोरी में पुलिस ने छह संदिग्धों को हिरासत में लिया।

Kanpur SBI Bank Theft कानपुर के सचेंडी के एसबीआई की भौंती शाखा में 1.812 ग्राम सोना चोरी हो गया है। इसमें पुलिस छह संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।

कानपुर, अमृत विचार। Kanpur SBI Bank Theft स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की भौंती शाखा के स्ट्रांग रूम के पीछे हिस्से से आठ फीट लंबी और चार फीट चौड़ी सुरंग खोदकर लगभग 99 लाख रुपये का 1.812 ग्राम सोना पार कर देने के मामले में दूसरे दिन क्राइम ब्रांच समेत पांच टीमों ने घटनास्थल का मौका मुआयाना किया। इस दौरान कई बैंक कर्मचारियों से पूछताछ की गई।

इस घटना से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा पड़ा है। घटना के वर्कआउट के लिए पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने क्राइम ब्रांच समेत पांच टीमों का गठन किया है। शनिवार को क्राइम ब्रांच की टीम ने भीमसेन से दो व आसपास के क्षेत्र से चार संदिग्धों को उठाया है। उनसे गुप्त स्थान पर पूछताछ की जा रही है। गठित अलग-अलग टीमों ने बैंक के कर्मचारियों से जानकारी ली।

पुलिस की टीम ने बैंक में काम करने वाले सारे कर्मचारियों की लिस्ट बनाई। साथ ही हाल ही में बैंक से किसी का स्थानंतरण हुआ है, उसके बारे में भी पता लगा रही है। सभी कर्मचारियों के कॉल डिटेल व आधार कार्ड की जांच कर रही है। बैंक में कैश लाने वाली वैन के कर्मचारियों से भी पूछताछ की जा रही है। इस घटना के खुलासे के लिए एक-एक बिंदुओं पर जानकारी जुटा रही है। 

फिंगर प्रिंट से चोर तक पहुंचने की कोशिश

स्ट्रांग रूम की जांच के दौरान टूटे हुए गोल्ड सेफ से नौ और छह सीसीटीवी कैमरों पर फिंगर प्रिंट मिले। पुलिस ने बैंक कर्मचारियों के फिंगर प्रिंट की मिलान शुरू कर दी है। बैंक के स्ट्रांग रूम तक कुछ खास कर्मचारी ही पहुंच सकते थे। सिर्फ यही नहीं, बैंक में पिछले 20 दिन में कई फेरबदल हुए हैं। इनकी जानकारी भी चोरों को थी। अब पुलिस को बैंक स्टॉफ पर शक है।

पीआरवी गश्त करती रही और बैंक लुटता रहा

ब्रांच मैनेजर नीरज राय ने पुलिस को बताया कि एसबीआई बैंक के पीछे कोई भी घर नहीं है और न ही कोई रहता है। चोर जब सुरंग खोद रहे थे तो किसी को भनक तक नहीं लगी। बताया कि रात में बैंक के पीछे चोर पहुंचे दीवार पुरानी बनी थी। आसानी से टूट गई, इसके बाद सुरंग खोदी और सोना चुरा लिया। इस बैंक के सामने ही पुलिस का पिकेट प्वाइंट भी है। वारदात वाली रात भी पुलिस की पीआरवी रात 11 बजे से 1 बजे तक खड़ी रही है। इसके बाद भी शातिर चोरों ने आराम से बैंक में सुरंग बनाकर चोरी की वारदात को अंजाम दिया और किसी को भनक तक नहीं लगी।

बैंक के बारे में थी पूरी जानकारी, योजनाबद्ध तरीके से काम 

शातिर चोरों की प्लानिंग इतनी सटीक थी कि वे बैंक में घुसने के लिए सुरंग बनाते हैं जो सीधे स्ट्रांग रूम में जाकर खुलती है। वे फर्श तोड़ते हैं फिर चोरी करते हैं और वहीं से वापस लौट लौट जाते हैं। सुरंग खोदने में इतना समय लगा होगा कि सुबह हो गई होगी, इस लिए पुलिस सूत्रों ने बताया कि कम से कम ये काम 15 दिन से योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया है।

सुरंग बनाकर पार किया था 1.812 किलो सोना

चोरों ने बैंक के पिछले हिस्से से सुरंग बनाई। जो सीधे जाकर स्ट्रांग रुम पर खुली, फिर ड्रिल मशीन से फर्श तोड़कर अंदर घुसे। स्ट्रांग रूम के लॉकर को गैस कटर से काटकर 1.812 किलो सोना चुरा लिया। इसकी कीमत 99 लाख रुपये बताई जा रही है। चोरों ने इतनी सफाई से काम किया कि बैंक का अलार्म भी नहीं बजा। गुरुवार सुबह जब बैंक स्टॉफ पहुंचा तो वारदात का पता चला था। चोरों ने गोल्ड के ठीक बगल में एक और पेटी रखी थी जिसमें 35 लाख रुपये थे, लेकिन चोरों ने उसे छुआ तक नहीं था। 

रात में नहीं रहता है बैंक का गार्ड

बैंक मैनेजर के अनुसार बैंक में आठ लोगों का स्टॉफ है। दिन में एक सिक्योरिटी गार्ड की ड्यूटी रहती है। रात में बैंक प्रबंधन की तरफ से कोई सिक्योरिटी गार्ड नहीं रहता है। पुलिस भी गश्त नहीं करती है। पुलिस अगर गश्त करती तो चोरी नहीं होती।

सुरक्षा के मानक कागजों तक सीमित

बैंकों में सुरक्षा के लिए समय- समय पर आरबीआई निर्देश जारी करती है लेकिन यह निर्देश कागजों तक ही सीमित रहते हैं। सिक्योरिटी ऑडिट के नाम पर भी बैंकों में खानापूर्ति की जाती है। यह ऑडिट हर साल होते हैं। इसके अलावा बैंक के इंश्योरेंस होने से भी अफसर लापरवाही बरतते हैं।

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