Google के प्रतिस्पर्धा-रोधी कदमों से भारतीय उपभोक्ताओं और अर्थव्यवस्था को नुकसान: मैपमायइंडिया

Amrit Vichar Network
Published By Om Parkash chaubey
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नयी दिल्ली।  गूगल की प्रतिस्पर्धा-रोधी गतिविधियां ''स्वदेशी'' प्रतिस्पर्धियों को नुकसान पहुंचाकर भारतीय उपभोक्ताओं और अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रही हैं। स्वदेशी नेविगेशन फर्म मैपमायइंडिया के एक शीर्ष अधिकारी ने यह बात कही। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने अक्टूबर में गूगल पर एंड्रायड मोबाइल उपकरणों के संबंध में कई बाजारों में अपनी प्रमुख स्थिति का दुरुपयोग करने के लिए 1,337.76 करोड़ रुपये का भारी जुर्माना लगाया था।

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इसके साथ ही सीसीआई ने गूगल को अनुचित कारोबारी तरीके बंद करने का निर्देश भी दिया। गूगल ने सीसीआई के इस आदेश के खिलाफ अपीलीय न्यायाधिकरण एनसीएलएटी में अपील की है। मैपमायइंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एवं कार्यकारी निदेशक रोहन वर्मा ने एक बयान में कहा, ''यह इस मामले का विस्तार से अध्ययन करने वाले लोगों, उद्योग, सरकार और नियामकों की आम धारणा है कि गूगल के पास प्रतिस्पर्धा को बाधित करने वाली एकाधिकार स्थिति है।

वह प्रतिस्पर्धा-रोधी तरीकों से नये बाजारों में अपने एकाधिकार को कायम रखती है।'' उन्होंने कहा कि ऐसे में गूगल ने वैकल्पिक ऑपरेटिंग सिस्टम, ऐप स्टोर और मैप्स जैसे ऐप के लिए उपयोगकर्ताओं के बीच प्रसार को बहुत मुश्किल बना दिया है। उन्होंने कहा कि 2020 में कोविड महामारी के दौरान मैपमायइंडिया ने लोगों को आसपास के कंटेनमेंट जोन और स्वास्थ्य परीक्षण तथा उपचार केंद्रों के बारे में जानकारी देकर उन्हें सुरक्षित रहने में मदद की थी जबकि गूगल मैप ने ऐसी सुविधाएं नहीं दीं।

लेकिन गूगल ने मैपमायइंडिया के ऐप को अपने प्ले स्टोर से ही हटा दिया था। वर्मा ने कहा कि कंपनी ने गूगल को मैपमायइंडिया ऐप हटाने के बारे में कई बार लिखा और इसका जिक्र सोशल मीडिया पर भी किया। कुछ जगहों पर इस बारे में खबर प्रकाशित होने के बाद गूगल ने इसे फिर से अपने प्ले स्टोर पर जगह दी। उन्होंने कहा, ''गूगल की ऐसी गैर-प्रतिस्पर्धी गतिविधियां मैपमायइंडिया जैसे भारतीय स्वदेशी प्रतिस्पर्धियों का गला घोंटकर भारतीय उपभोक्ताओं और भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाती हैं।''

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