बरेली: यूपी अल्पसंख्यक विभाग द्वारा किए जा रहे मदरसों में शिक्षा के हालात को सुधारने के प्रयासों का मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी किया समर्थन 

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Published By Vishal Singh
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बरेली, अमृत विचार। दरगाह आला हजरत से जुड़े संगठन आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक विभाग द्वारा किये जा रहे मदरसों में शिक्षा के हालात को सुधारने के प्रयासों का समर्थन किया है। मौलाना ने अल्पसंख्यक मंत्री धर्मपाल और मदरसा बोर्ड के चैयरमेन डॉ इफ़्तिख़ार अहमद द्वारा दिए गए बयान के मदरसों में एलकेजी, यूकेजी की कक्षाए शुरू होंगी। बच्चों को अब दीन की पढ़ाई के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा भी दी जाएगी। इस तरह का सिस्टम पहले से ही होना चाहिए था। हुकूमते नितियां बनाने में बहुत देरी से जागती है जबकि ये वो काम है जिनके लिए विचार विमर्श करके संस्थाओं में निति लागूं कर देनी चाहिए।

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मौलाना ने आगे कहा कि मदरसा शिक्षा को सुधारने के लिए हुकूमत को मुकम्मल तौर पर निति बनाना चाहिए। रोजाना नये नये फरमानों से मुस्लिम समाज के दरमियान हुकूमत की अच्छी नितियां भी शक व शूबे के दायरे में आ जाती है। हुकूमत के जिम्मेदारो के माध्यम से मदरसा शिक्षा निति की वजा़हत करने के बाद हुकूमत की नियत पर अब हम प्रशन चिन्ह नहीं लगा रहे हैं। बातें तो बहुत हों चुकी, हुकूमत ने सर्वे कराकर उत्तर प्रदेश के मदरसों का डाटा भी इकट्ठा कर लिया, वक्फ का सर्वे भी चल रहा है। मान्यता और गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की भी जांच हो चुकी और अब आखिरी मरहेले में मदरसों की आमदनी को लेकर हुकूमत टेरर फंडिंग होने का शक जाहिर कर रही है तो इसकी भी जांच हुकूमत शौक़ से करा लें ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाये।

मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने कहा कि समाजवादी पार्टी शासनकाल सन् 2016 से मदरसों की मान्यताओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। मदरसों से वाबस्ता उलमा ने सपा सरकार के मंत्रियों के साथ साथ तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात करके मान्यता को बहाल करने के सम्बन्ध में ज्ञापन दिया था। मगर उन्होंने उलमा के ज्ञापन को यह कहते हुए दरकिनार कर दिया कि ये विभाग हमने आज़म खां को दे रखा है आप लोग उनसे मुलाकात करिए । 

मौलाना ने कहा कि अगर योगी आदित्यनाथ की सरकार में मदरसों की मान्यता, भवन निर्माण, अच्छी शिक्षा निति और तरक्की के लिए कुछ काम हो जाये तो मुसलमानों का एक बहुत बड़ा तबका बीजेपी सरकार पर भरोसा कायम करने लगेगा। प्रधानमंत्री का नारा कि "मैं मुस्लिम बच्चों के एक हाथ में कुरान और दुसरे हाथ में कम्प्यूटर देखना चाहता हूं" ये ज़मीन के धरातल पर उतरकर मुस्लिम समुदाय में इंकलाब पैदा हो जायेगा।

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