बरेली: इन्हीं खुराफातों ने भरी जवानी में 180 लोगों को कर डाला अपंग

पिछले साल बाइक से हुईं सर्वाधिक दुर्घटनाएं, 910 लोग हुए घायल, इनमें 20 फीसदी गवां बैठे अपने महत्वपूर्ण अंग

बरेली: इन्हीं खुराफातों ने भरी जवानी में 180 लोगों को कर डाला अपंग

दुर्घटनाओं में घायलों होने वालों में 90 फीसदी 20 से 40 साल के लोग

ओमेन्द्र सिंह/ बरेली, अमृत विचार। ट्रैफिक नियमों की अनदेखी या दोपहिया वाहनों से स्टंट करने की खुराफातों ने 2022 में 180 लोगों को हमेशा के लिए अपंग बना दिया। सर्वाधिक हादसे बाइक सवार लोगों के साथ हुए जिनमें कुल मिलाकर 910 लोग घायल हुए। इनमें करीब 20 प्रतिशत लोग गंभीर चोटों की वजह से किसी न किसी महत्वपूर्ण अंग की क्षमता हमेशा के लिए खो बैठे। जिला अस्पताल के आंकड़ों के मुताबिक इनमें सबसे ज्यादा तादाद 20 से 40 साल के युवाओं की थी।

जिला अस्पताल की इमरजेंसी में 2022 में पहुंचे करीब 500 लोगों में से 16 फीसदी लोगों को गंभीर चोटें आई थीं। इस वजह से उनमें अपंगता के लक्षण आ गए। ज्यादातर में अपंगता के लक्षण हाथ या पैरों में परिलक्षित हुए। सड़क हादसे कार, पैदल ओर साइकिल सवार लोगों के साथ भी हुए लेकिन उनमें अपंगता की स्थिति न के बराबर रही। सर्वाधिक केस बाइक और स्कूटी से हुई दुर्घटनाओं में ही मिले। इन 600 लोगों के अलावा करीब 410 घायल निजी अस्पतालों में पहुंचे। इनमें अपंगता के लक्षण दिखने का आंकड़ा कम रहा। कुछ केस आंशिक अपंगता के ही थे लेकिन उन्हें इलाज कराने में जरूर भरपूर खर्च करना पड़ा।

इन आंकड़ों से लें सबक

  • 2022 में घायल हुए कुल लोग - 910
  • हाथ-पैरों में आईं चोटें-   832
  • 50 प्रतिशत दिव्यांग हुए -      10
  • आंशिक दिव्यांग हुए लोग -     166
  • 50 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग -   4
  • सिर में गंभीर चोट-         15
  • सिर में सामान्य चोट  -       30
  • अंदरूनी चोट  -      12

नशा और ट्रैफिक नियम तोड़ने से सर्वाधिक हादसे
पुलिस के मुताबिक अधिकांश हादसे नशा या यातायात नियमों को अनदेखा करने के कारण हुए हैं। 910 हादसों में करीब 790 हादसे बाइक और स्कूटी सवारों के हुए हैं। इनमें करीब 750 लोग हेलमेट नहीं लगाए हुए थे। जो लोग हेलमेट लगाए थे, उनमें से करीब पांच प्रतिशत का हेलमेट लगाने का तरीका गलत पाया गया। उन्होंने हेलमेट की डोरी नहीं बांधी थी। इसी तरह कार हादसों में घायल अधिकांश लोग सीट बेल्ट नहीं बांधे थे। घायल होने वालों में सबसे करीब 800 ऐसे हैं जिनकी उम्र 20 से 40 वर्ष के बीच है।

हादसे के फौरन बाद अस्पताल पहुंचना जरूरी
आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. प्रमेन्द्र महेश्वरी ने बताया कि उनके पास हादसों में घायल होकर हर दिन 30 से 40 लोग आते हैं। हादसे के कुछ घंटों में घायल अगर अस्पताल पहुंच जाता है तो उसे अपंगता से बचाया जा सकता है लेकिन गंभीर रूप से घायल होने और क्रॉस फैक्चर होने पर एक-दो प्रतिशत दिव्यांगता रह जाती है। ज्यादातर हादसों की वजह नशा और तेज गति होती है। क्रॉस इंजरी का बड़ा कारण नियमों की अनदेखी, गड्ढायुक्त सड़कें, नशा और तेज गति है।

यातायात नियमों के लिए पुलिस जागरूक करने के साथ चालान काटती है, इसके बाद भी लोग नियम तोड़ते हैं। ऐसे लोगों के वाहन भी सीज किए जा रहे हैं। हादसों से बचने के लिए सभी को नियमों का पालन करना चाहिए। हेलमेट जरूर लगाना चाहिए-राममोहन सिंह, एसपी यातायात।

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