Kanpur : कैसे शिक्षित होंगे बच्चे, जब सरकार ही नहीं दे रही ध्यान, RTE के तहत पढ़ रहे बच्चों की नहीं आई फीस

कानपुर में आरटीई के तहत पढ़ रहे बच्चों की फीस नहीं आई।

Kanpur : कैसे शिक्षित होंगे बच्चे, जब सरकार ही नहीं दे रही ध्यान, RTE के तहत पढ़ रहे बच्चों की नहीं आई फीस

कानपुर में आरटीई के तहत पढ़ रहे बच्चों की फीस नहीं आई है। इससे स्कूल असमंजस में है कि वह ऐसे बच्चों के शिक्षा को लेकर उनके संवैधानिकल अधिकारियों की कैसे रक्षा करें।

कानपुर, अमृत विचार। आरटीई के तहत एडमिशन लेने वाले बच्चों की फीस शासन देता है। महानगर के कई स्कूल प्रदेश सरकार द्वारा इन बच्चों की फीस का फण्ड जारी न होने की शिकायत कर रहे हैं। स्कूलों का कहना है कि एक तो प्रदेश सरकार ने अन्य प्रदेशों की तुलना में बहुत कम फीस निर्धारित की है।

उस पर पिछले 4 सालों से पैसा भी नही भेजा है। 2018 में आखिरी बार इस फण्ड का पैसा स्कूलों को मिला था। । स्कूल असमंजस में हैं कि वह ऐसे बच्चों के शिक्षा को लेकर उनके संवैधानिक अधिकारों की कैसे रक्षा करें।

आरटीई के माध्यम से गरीब नागरिकों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा का सपना स्कूलों के लिए अब मुसीबत बनता जा रहा है। आरटीई की अधिकतम सात हजार रुपए या स्कूल की फीस, इनमें से जो भी कम हो, निर्धारित है। इसके अलावा उनकी कॉपी-किताब और यूनिफार्म का खर्च भी शासन देता है।

इसके बावजूद उन्हें राशि खर्च करनी पड़ती है। निजी स्कूलों में नर्सरी और कक्षा पहली कि किताबों के खर्च से ही गरीब पैरेंट्स का बजट बिगड़ रहा है। अब तक जिला प्रशासन ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। न तो इसकी प्रॉपर मॉनिटरिंग की जा रही है और न ही स्कूलों से हिसाब मांगा जा रहा है।

इससे जुड़ा मामला एक रामादेवी क्षेत्र से आया है। एक स्कूल से बात की गई तो नाम न छापने की शर्त पर उसने बताया कि प्रदेश सरकार ने 25 प्रतिशत सीटें गरीब बच्चों के लिए आरक्षित तो कर दी हैं पर नियमों को लेकर कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नही है। पहले प्रति बच्चा 450 रुपये पूरे साल के लिए था। 

अब बताया जा रहा है कि यह 11 महीने ही मिलेगा। इसी प्रकार कक्षा एक से पहले अधिकतर स्कूल पीजी, एलकेजी, यूकेजी चलाते हैं। सरकार सिर्फ यूकेजी की फीस हेतु फण्ड देने की अब बात कर रही है। कानपुर स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन और कानपुर स्कूल एसोसिएशन ने भी इस पर रोष जाहिर करते हुए सरकार से मांग  की है कि वह शीघ्र फण्ड जारी करे ताकि स्कूल ऐसे बच्चों को भी गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान जार सकें।

Post Comment

Comment List