Bareilly News: मृत्युंजय की कहानी यशकीर्ति की जुबानी, 'मृत्यु का योद्धा' का विमोचन

Bareilly News: मृत्युंजय की कहानी यशकीर्ति की जुबानी, 'मृत्यु का योद्धा' का विमोचन

पुस्तक का विमोचन करते संतोष गंगवार व यशकीर्ति गंगवार

बरेली, अमृत विचार। लेखिका और कवयित्री यशकीर्ति गंगवार की पहली पुस्तक 'मृत्यु का योद्धा' का विमोचन मंगलवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद संतोष गंगवार के हाथों उनके आवास पर हुआ।

अपनी पहली पुस्तक के बारे में बताते हुए यशकीर्ति ने बताया कि उनकी कहानी का किरदार मृत्युंजय वास्तव में हुआ करता था। जिसने बेहद गंभीर बीमारी से एक योद्धा की तरह लड़ाई लड़ी। वह एक मेधावी छात्र भी था, जिस तरह उसकी जिंदगी खत्म हुई उसको देखने के बाद उन्होंने इस कहानी को लोगों तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया।

उन्होंने बताया कि मृत्युंजय बेहद गंभीर बीमारी कैंसर और पूरे शरीर में होने वाले ट्यूमर से पीड़ित था। दिल्ली एम्स का वह पहला मरीज था जिसे इस तरह की बीमारी थी। डॉक्टर ने यहां तक कह दिया कि मृत्युंजय महज पंद्रह दिन ही जी पाएगा। यह कहानी अकेले मृत्युंजय की कहानी नहीं बल्कि हर उस व्यक्ति की कहानी है जो किसी न किसी लाइलाज बीमारी से ग्रसित है और किसी असहनीय दर्द से जूझ रहा है। 

वह कहती हैं कि आज के समय में अगर हम स्वस्थ हैं तो हम सबसे अमीर इंसान है। यही सब पुस्तक बताने का प्रयास करती है। किताब ऑनलाइन भी उपलब्ध है। खास बात यह है कि मृत्युंजय के जीवित रहते यशकीर्ति ने खुद काफी वक्त उनके साथ गुजारा। यहां तक कि साल भर पहले मृत्युंजय को जब 25-25 हजार रुपये के तीन इंजेक्शन लगने थे तब सांसद संतोष गंगवार ने मदद की थी।

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