दिल्ली की सर्दी में BJP के सियासी हुंकार ने भरी गर्मी... पढ़े ये स्पेशल रिपोर्ट

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Published By Deepak Mishra
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मोदी चुनावी मोड पर, संगठन पर ही सारा ध्यान केन्दित करेंगे, तीसरी बार लोकसभा चुनाव जीतने के लिए नौ राज्यों में होने जा रहे सभी विधानसभा चुनाव में परचम लहराना आवश्यक...

अमृत विचार, नई दिल्ली। दिल्ली की सर्दी में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने गर्मी भर रखी है। सोमवार को 1.04 डिग्री तापमान के बीच यहां देशभर से जुटे भाजपा नेताओं ने यहां जब मिलकर राजनीतिक हुंकार भरी तो सियासती ठंडापन भी छू मंतर हो गया। मौका था पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का। पहले दिन ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने जमीन पर उतर कर नौ राज्यों में होने जा रहे विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनाव का बिगुल फूंक दिया। 

मोदी का रोड शो करना ही इस बात का संकेत है कि वह अब चुनावी- मोड पर हैं। संगठन पर ही सारा ध्यान केन्दित करने को हैं। ऐसे में मोदी सरकार से संगठन और संगठन से सरकार में आये सभी में एक नयी उर्जा दिखना स्वाभाविक है। कार्यकारिणी की बैठक में नेताओं ने भाषणों में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के प्रति अपनी बेफिक्री तो दिखायी है लेकिन अंदरखाने में पार्टी चिंतित अवश्य है। कारण यह है कि जिन नौ राज्यों में चुनाव होने है वहां से राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को प्रबल जनसमर्थन मिला है।

नई दिल्ली से अजय दयाल और शोभित मिश्र की रपट...

राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पहले दिन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का यह कहना अहम है कि तीसरी बार लोकसभा चुनाव जीतने के लिए यह जरूरी है कि हमें नौ राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में किसी भी राज्य में हार का सामना न करना पड़े। खासतौर से मध्य प्रदेश छत्त्ीसगढ़ , राजस्थान और कर्नाटक में पार्टी का प्रदर्शन लोकसभा की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण होगा। इन राज्यों की 93 सीट में से 87 सीट भाजपा के पास हैं।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का इस बात पर खासा जोर है कि लोकसभा की जिन 161 सीट पर भाजपा दूसरे स्थान पर रही थी, उनको हर हाल में जीता जाए। इसीलिए नड्डा ने कार्यकारिणी की बैठक में यह कहा कि हमने 72 हजार कमजोर बूथों को चिन्हित किया था लेकिन अब हम अपने लक्ष्य को पार करते हुए एक लाख तीस हजार बूथ तक पहुंच गये हैं।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने नौ राज्यों के चुनाव में गुजरात जीत के मॉडल को अपनाने की बात कही। कहा कि गुजरात में सत्ता विरोधी लहर के बावजूद भी हम बूथ प्रबंधन और पन्ना प्रमुखों के बल पर हमने 182 में 150 सीट जीत कर ऐतिहासिक और अभूतपूर्व जीत हासिल की है। यहां पूरा विपक्ष भाजपा को पराजित कर केन्द्रीय नेतृत्व को ललकारने की फिराक में था। उन्होंने कार्यकर्ताओं को गुजरात का उदाहरण देते हुए जी जान से जुट जाने का दम भरा।

भाजपा के रणनीतिकार का कहना है कि पार्टी का कर्नाटक और मध्यप्रदेश में अपनी सरकार को बनाए रखना भाजपा के लिए चुनौती है। वहीं, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करना भी प्राथकिता होनी चाहिये। इन सभी राज्यों में भाजपा कांग्रेस की अंदरुनी कलह का फायदा उठाना चाहेगी।

कार्यकारिणी की बैठक में केन्द्रीय मंत्री किरण रिजिजू का यह राजनीतिक प्रस्ताव लाना भी भाजपा की रणनीति का हिस्सा है जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए अपमानजनक एवं अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल करने की निन्दा की गई है। भाजपा ने इस मुद्दे को उठाकर परोक्ष रूप से राहुल गांधी पर आक्षेप किया है जो इस समय अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान निरन्तर प्रधानमंत्री को अपने निशाने पर रख रहे हैं।

भाजपा ने इस प्रस्ताव के सहारे एक तरफ भारत जोड़ो यात्रा की धार को कुंद करने की कोशिश की है वहीं दूसरी तरफ नरेन्द्र मोदी के प्रति आमजन मानस की सहानुभूति उजागर करने की जुगत भी भिड़ाई है। बैठक में सभी नौ राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों ने चुनाव को लेकर अपनी-अपनी कार्ययोजना केन्द्रीय नेतृत्व को सौंपी। बैठक में अलग-अलग राज्यों से 352 प्रतिनिधियों को बुलाया गया था लेकिन इसमें से 310 शामिल हुए। इस दौरान 35 केन्द्रीय मंत्री, 12 राज्यों मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, 37 क्षेत्रीय प्रमुख भरी हिस्सा ले रहे हैं।

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