कुतुबखाना पुल: फंस गए व्यापारी... नपेंगे सेतु निगम के अधिकारी भी

कुतुबखाना पुल: फंस गए व्यापारी... नपेंगे सेतु निगम के अधिकारी भी

बरेली, अमृत विचार। कुतुबखाना फ्लाईओवर का निर्माण छह महीने में पूरा करने का वादा था लेकिन कोतवाली से कोहाड़ापीर तक सड़कों पर खोदाई होने के बाद इसमें कई पेच फंस गए हैं। करीब महीने से पुल का निर्माण रुका पड़ा है और अब धीरे-धीरे यह भी साफ होता जा रहा है कि यह निर्माण पूरा होने में कम से कम डेढ़ साल लगेगा ही।

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कुतुबखाना पुल का भविष्य अनिश्चित होने के साथ व्यापारियों की पीड़ा भी बढ़ती जा रही है। उधर, पुल के निर्माण में पेच फंसाने के लिए सेतु निगम के अफसरों को जिम्मेदार मानते हुए स्मार्ट सिटी के उच्चाधिकारियों ने उनके खिलाफ शासन को पत्र लिख दिया है। माना जा रहा है कि जल्द ही सेतु निगम के जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई हो सकती है।

कुतुबखाना पुल पर व्यापारियों के लंबे विरोध के बाद प्रशासन के अफसरों ने उन्हें यह कहकर मनाया था कि पुल का निर्माण हर हालत में छह महीने के अंदर पूरा करा दिया जाएगा। तत्कालीन कमिश्नर ने व्यापारियों से कहा था कि थोड़ी परेशानी उठा लीजिए, पुल बनने से पूरे शहर को सहूलियत मिलेगी, लेकिन अब हालात ये हैं कि डेढ़ साल में पुल का निर्माण पूरा हो जाए तो वह भी कम है। 

व्यापारियों की दिक्कत यह है कि कोतवाली से कुतुबखाना तक सड़क खोद दी गई है। उनका कारोबार चौपट हो गया है। दिवाली निकल गई, सर्दी में गर्म कपड़ों का बाजार भी ठंडा रहा। अब होली भी इसी की भेंट चढ़ने की आशंका है। आहत व्यापारी इसके लिए प्रशासन को जिम्मेदार मान रहे हैं। अनुमान जता रहे हैं कि पुल दो साल में भी पूरा होना मुश्किल है।

सूत्रों के मुताबिक इस प्रोजेक्ट में इस कदर पेच फंस गए हैं कि अगर दिन-रात काम किया जाए, तब भी निर्माण पूरा होने में डेढ़ साल लग सकता है। सेतु निगम का निर्माण एजेंसी के साथ तालमेल ही नहीं बन पा रहा है। सेतु निगम की योजना में सुरक्षा के जितने मानक रखे गए हैं, निर्माण एजेंसी की योजना में उतने मानक नहीं हैं। इसी पर ठनी हुई है। बताया जा रहा है कि निर्माणाधीन पिलर में सरिया ज्यादा हो जाने से भी सिरदर्द बढ़ गया है।

इसी वजह से अब सेतु निगम के अफसरों पर कार्रवाई होना तय माना जा रहा है। दरअसल यह प्रोजेक्ट मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में शामिल है। इसका पैसा स्मार्ट सिटी कंपनी की ओर से दिया जा रहा है। सितंबर में पुल का निर्माण शुरू हआ लेकिन अब तक 25 फीसदी काम पूरा नहीं हो पाया है। उच्चाधिकारियों की ओर से इसके लिए सेतु निगम के अफसरों को जिम्मेदार मानते हुए शासन को पत्र लिखा गया है। उनकी कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताते हुए कहा गया है कि अफसरों के काम में रुकावट डालने से परियोजना में देरी हो रही है।

पांच महीने में बदल गए सेतु निगम के चार सीपीएम
सेतु निगम के अफसरों की कार्यप्रणाली और निर्णय न ले पाने को काम प्रभावित होने का कारण माना जा रहा है। इसी कारण हर दिन नई बाधाएं सामने आ रही हैं। अफसर भी बरेली में रहना नहीं चाह रहे हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बरेली रीजन में सितंबर में कुतुबखाना पुल का काम शुरू होने के बाद से चार मुख्य परियोजना प्रबंधक (सीपीएम) बदल गए हैं। सीपीएम के कार्यक्षेत्र में मंडल के चारों जिले आते हैं। इनमें शाहजहांपुर लोक निर्माण मंत्री का गृह क्षेत्र भी है।

खुदी पड़ी सड़क का बारिश के बाद बुरा हाल
पिछले दो दिन हुई बारिश के बाद कुतुबखाना इलाके की हालत और बदतर हो गई है। हर तरफ कीचड़ फैल जाने से सड़क पर बुरी तरह फिसलन हो गई है। बड़े-बड़े गड्ढों के नजदीक से लोगों के पैदल निकलने के कारण हादसे का खतरा भी बढ़ गया है। बुधवार को यहां कई लोग फिसलकर चोटिल भी हुए। कुमार टॉकीज के पास स्कूटी फिसलने से उस पर जा रहे दंपती गिरकर चोटिल हो गए। अस्पताल रोड के पास और ज्यादा खराब हालत थी। प्रशासन ने इधर आवाजाही पर रोक लगा रखी है लेकिन फिर भी लोगों का आना जाना हो रहा है।

व्यापारी बोले- क्या कहें, अब दो साल तक रोना है
पहले अस्पताल रोड बं हुआ, अब कोहाड़ापीर से भी रास्ता बंद है। जगह-जगह खाेदाई हो रही है। ग्राहक कैसे दुकानों तक आए। एक सहालग निकल गई। दूसरी सहालग भी ऐसे ही चली जाएगी। गली में साड़ियों के कई शो रूम हैं। पुल निर्माण की धीमी गति से ग्राहक तो परेशान है ही, व्यापारी भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। - तरुण साहनी, व्यापारी गली आर्य समाज

एक महीने से काम रुका हुआ है। छह महीने में काम पूरा होने का दावा था जो पूरा होना मुश्किल लग रहा है। पता नहीं वे आधुनिक मशीनें कहां है जिनसे छह महीने के अंदर काम पूरा कर देने का दावा किया गया था। काम पूरा हो तो व्यापार चले। रास्ता बंद होने से ग्राहक नहीं आ रहे हैं। पता नहीं कब काम पूरा होगा। - डीएल भाटिया, दुकानदार कुमार टॉकीज

अब तक 10 फीसदी काम भी नही हुआ है। अस्पताल रोड पर तो एक महीने से काम बंद है। इस तरफ दस दिन से काम बंद है। हर रोज चार घंटे बिजली आपूर्ति तो बंद कर दी जाती है लेकिन अब तक बिजली लाइन शिफ्ट नहीं हो पाई है। पुल के काम की मानिटरिंग जब तक नही होगी तब तक पुल का काम पूरा नहीं होगा। - गगन पाहवा, व्यापारी कोहाड़ापीर

पुल बनना शुरू होने के बाद बाजार से ग्राहक गायब हो गया है। कोहाड़ापीर के पास रास्ता बंद होने से बहेड़ी, भोजीपुरा, नवाबगंज के ग्राहक आने बंद हो गए हैं। काम सुस्त है। छह महीने कहकर अब डेढ़ साल की बात कही जा रही है। हो सकता है कि और लंबा वक्त लग जाए। अफसर जब चाहेंगे तभी काम पूरा होगा। - विनय अग्रवाल, व्यापारी गली आर्य समाज

अफसरों की लापरवाही से काम रुका पड़ा है। अस्पताल रोड पर फड़ भी नहीं लग पा रहे हैं। पुल बनने से व्यापारी परेशान है। यह परेशानी कम से कम दो साल और झेलनी पड़ेगी। व्यापारी व्यवसाय को लेकर चिंतित है लेकिन अफसर काम को तेजी से पूरा करना तो दूर, सुचारू रखने में भी दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। - राजू अरोरा, रेडिमेड एवं चप्पल फड़ एसोसिएशन के अध्यक्ष

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