बरेली : मार्च तक नहीं हुआ उपयोग तो पीएफएमएस की धनराशि हो जाएगी लैप्स

पीएफएमएस खातों का संचालन नहीं कर पा रहे शिक्षक, बीआरसी और बीएसए कार्यालय के चक्कर काट रहे शिक्षक

बरेली : मार्च तक नहीं हुआ उपयोग तो पीएफएमएस की धनराशि हो जाएगी लैप्स

बरेली, अमृत विचार। परिषदीय स्कूलों में शिक्षण सुविधाओं व साफ-सफाई आदि की व्यवस्था को पूरा कराने के लिए शासन की ओर से भेजी गई कंपोजिट ग्रांट का उपभोग मार्च तक किया जाना है, लेकिन जनपद के 2482 स्कूलों के सापेक्ष करीब 30 प्रतिशत स्कूलों ने ही धनराशि का उपभोग किया है।

विभागीय शिक्षकों के मुताबिक शत प्रतिशत ग्रांट के उपभोग को लेकर मुख्य रूप से पीएफएमएस (पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम) खातों का संचालन किस प्रकार से किया जाए, इसके लिए प्रधानाध्यापकों को प्रशिक्षण ही मुहैया ही नहीं कराया गया है। फलस्वरूप धनराशि का उपभोग करने के लिए प्रधानाध्यापकों को बीआरसी और बीएसए कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। जबकि इस कंपोजिट धनराशि का तय मार्च तक उपभोग नहीं हुआ तो यह लैप्स हो जाएगी।

शिक्षकों के मुताबिक कंपोजिट ग्रांट के उपभोग के लिए वर्तमान शैक्षिक सत्र से पीएफएमएस खातों का संचालन आवश्यक कर दिया गया है। खातों के संचालन के लिए कई ब्लॉकों में तो यह स्थिति है कि बीआरसी के ऑपरेटर ही शिक्षकों को खाता संचालन का तरीका बताने के बजाए बेझिझक खातों का संचालन खुद कर रहे हैं। कंपोजिट ग्रांट बीते वर्ष अगस्त में ही सभी स्कूल के खातों में भेजी गई थी। लेकिन 5 माह बाद भी धनराशि का उपभोग शिक्षक खुद नहीं कर पा रहे हैं।

मार्च तक शत प्रतिशत धनराशि उपभोग कराने का दावा
शिक्षकों को खाता संचालन में किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना न करना पड़े, इसके लिए ब्लॉक स्तर पर बाकायदा प्रशिक्षित किया जा रहा है। किसी भी शिक्षक को उम्मीद है कि प्रशिक्षण के बाद किसी प्रकार की दिक्कत खाता संचालन में नहीं आएगी- अवनीश कुमार, बीईओ, बिथरी।

खाता संचालन को लेकर शिक्षकों को बाकायदा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे पहले भी शिक्षकों को इस संबंध में विस्तार पूर्वक बताया गया था। संपूर्ण धनराशि का उपभोग निर्धारित समयावधि में कर लिया जाएगा- त्रिलोकी नाथ गंगवार, बीईओ, भदपुरा।

पीएफएमएस यह नई व्यवस्था हैं। इसे समझने में शिक्षकों को थोड़ा समय लग रहा है। निर्धारित समयावधि में धनराशि उपभोग के लिए प्रधानाध्यापकों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं। साथ ही विभागीय प्रशिक्षक भी प्रशिक्षण देने में जुटे हैं- शीतल श्रीवास्तव, बीईओ, भोजीपुरा।

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