आयुष्मान भारत और जनऔषधि परियोजना से गरीबों को एक लाख करोड़ रुपए की मदद हुई: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

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Published By Om Parkash chaubey
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नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि सरकार गरीबों की चिंताओं का स्थायी समाधान करते हुए उन्हें सशक्त बनाने का प्रयास कर रही है और आयुष्मान भारत एवं जनऔषधि परियोजना से देश के गरीब लोगों को एक लाख करोड़ रुपए की मदद हुई है। राष्ट्रपति मुर्मू बजट सत्र के प्रथम दिन संसद के दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने अपने अभिभाषण में कहा, ‘‘गरीबी हटाओ- अब केवल नारा नहीं रह गया है।

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अब मेरी सरकार द्वारा गरीब की चिंताओं का स्थायी समाधान करते हुए, उसे सशक्त बनाने का काम किया जा रहा है।’’ मुर्मू ने कहा कि गरीबी का एक बहुत बड़ा कारण बीमारी होती है। उन्होंने कहा, ‘‘गंभीर बीमारी से गरीब परिवार का हौसला पूरी तरह से टूट जाता है, पीढ़ियां कर्ज में डूब जाती हैं। गरीब को इस चिंता से मुक्त करने के लिए राष्ट्रव्यापी आयुष्मान भारत योजना शुरु की गई।’’

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘इस योजना के तहत 50 करोड़ से अधिक देशवासियों के लिए मुफ्त इलाज की सुविधा दी गई। आयुष्मान भारत योजना ने देश के करोड़ों गरीबों को और गरीब होने से बचाया है, उनके 80 हजार करोड़ रुपए बीमारियों के इलाज के लिए खर्च होने से बचाए हैं।’’

उन्होंने कहा कि आज देशभर में फैले करीब नौ हजार जनऔषधि केन्द्रों में बहुत कम कीमत में दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं और इससे बीते वर्षों में गरीबों के करीब 20 हजार करोड़ रुपए बचे हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ आयुष्मान भारत और जनऔषधि परियोजना से ही देशवासियों को एक लाख करोड़ रुपए की मदद हुई है।

मुर्मू ने यह भी कहा कि भारत ने कोविड महामारी से बचाव के लिए दो साल में कोविड रोधी टीके की 220 करोड़ से अधिक खुराक लोगों को दी हैं। उन्होंने कहा कि आज हर जिले में सरकार मेडिकल कॉलेज भी बनवा रही है। उन्होंने कहा कि आज भारत जहां योग और आयुर्वेद जैसी अपनी पुरातन विधाओं को पूरी दुनिया तक पहुंचा रहा है, वहीं दूसरी तरफ वह, ‘‘विश्व की फार्मेसी’’ की नई पहचान को भी सशक्त कर रहा है। 

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