हल्द्वानी: वन निगम रॉयल्टी कम कर दे, फिर तय करेंगे आरबीएम का रेट
हल्द्वानी,अमृत विचार। वन विकास निगम की शासनादेश के विपरीत रॉयल्टी वसूले जाने को लेकर स्टोन क्रशर्स और वाहन स्वामियों के बीच टकराव के आसार बन गए हैं। स्टोन क्रशर्स स्वामियों ने साफ कर दिया है कि जब तक वन निगम संशोधित दरें लागू नहीं करता है तब तक उपखनिज के रेट तय नहीं होंगे और न ही उपखनिज की खरीद की जाएगी।
गौला नदी में खनन के लिए पंजीकृत वाहन स्वामी एक प्रदेश एक रॉयल्टी की मांग को लेकर हड़ताल पर थे। बीती 18 जनवरी को खनन सचिव डॉ. पंकज पांडेय ने शासनादेश जारी किया था इसमें गौला नदी के आरबीएम की रॉयल्टी 29.35 रुपये में 7.21 घटाकर 22.14 रुपये कर दी गई थी।
इस आदेश के करीब 12 दिन बाद भी वन निगम संशोधित रॉयल्टी नहीं वसूल रहा है। वन निगम 25.27 रुपये प्रति कुंतल रॉयल्टी जो कि शासनादेश की संशोधित रॉयल्टी से 3.13 रुपये अधिक है। खनन सचिव डॉ. पांडेय ने वन विभाग के सचिव को पत्र लिखकर इस पर नाराजगी भी जताई थी लेकिन फिर भी रॉयल्टी में बदलाव नहीं हुआ। इधर अब इसका दुष्प्रभाव भी सामने आ गया है।
कुमाऊं स्टोन क्रशर्स एसोसिएशन ने वाहन स्वामियों को दो टूक जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि वन निगम अधिक रॉयल्टी वसूल रहा है जब तक संशोधित रॉयल्टी नहीं वसूली जाती है तब तक वे उपखनिज की खरीद नहीं करेंगे। वहीं उपखनिज के रेट भी संशोधित रॉयल्टी लागू होने के बाद ही तय किए जाएंगे। ऐसे में वननिगम की लापरवाही से स्टोन क्रशर्स व वाहन स्वामियों के बीच तलवारें खिंचती दिख रही हैं। इस बारे में जब वन निगम के अधिकारियों से बात करनी चाही तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
रॉयल्टी का मामला लंबित है, वन निगम जब शासनादेश के अनुसार रॉयल्टी वसूलेगा तो वाहन स्वामियों के साथ बैठकर रेट तय किए जाएंगे। तभी उपखनिज की खरीद होगी। फिलहाल कुछ नहीं होगा।
= राजेश अग्रवाल, अध्यक्ष कुमाऊं स्टोन क्रशर्स एसोसिएशन
