हल्द्वानी: कितना जानते है अपने राज्य पक्षी के बारे में?
हल्द्वानी, अमृत विचार। सुनहरे रंग की खूबसूरत मोनाल उत्तराखंड का राज्य पक्षी है। उत्तराखंड का राज्य पक्षी होने के साथ-साथ यह नेपाल का राष्ट्रीय पक्षी भी है। यह नेपाल और उत्तराखंड में दानफे के नाम से भी जाना जाता है। यह उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है। अगर वैज्ञानिक तौर पर बात करें तो मोनाल फैजेंट परिवार का लोफोफोरस जीन्स का एक पक्षी है। इसकी तीन पप्रजातियां और बहुत सी उप्रजतियां लोफोफोरस जीन्स के अनतर्गत पायी जाती हैं। हिमालयन मोनाल, लोफोफोरस इम्पेजानस स्क्लाटरकी मोनाल, लोफोफोरस स्कलाटेरी चीनी मोनाल, लोफोफोरस ल्ह्यूसी।
हिमालयन मोनाल एक उच्च ऊंचाई वाली प्रजाति है जो अफ़ग़ानिस्तान से भूटान, भारत और तिब्बत के माध्यम से हिमालय में पायी जा सकती है। गर्मियों के दौरान, ये तीतर, घास वाले इलाकों में घूमते हैं, लेकिन सर्दियों के महीने के दौरान, वे जंगली जगहों में शरण लेते हैं। बताया जाता है की एक समय में इसकी संख्या इतनी ज्यादा हुआ करती थी की यह सहज ही देखा जा सकता था लेकिन अब इनकी गणना दुर्लभ प्रजातियों में होती है। संरक्षण बोर्ड द्वारा पहली बार 2008 में कराई गयी गणना में राज्य भर में 919 मोनाल थे।
नर और मादा पक्षी में भिन्नता एवं समानता
नर
१. व्यसक नर पक्षी कि गर्दन और पंखों पर इन्द्रधनुष धात्विक रंग के पंखों के कारण, हिमालयी मोनाल को "नौ रंग का पक्षी" भी कहा जाता है।
२. उड़ान के दौरान, सफ़ेद पीठ और काले अंडरपार्ट्स वाले इस पक्षी के दम पर एक बड़ा सफ़ेद धब्बा दिखाई देता है।
३. नर पक्षी की पूँछ के पंख एक सामान धात्विक लाल-भूरे रंग के होते हैं, जिसके सुझावों पर गहरा रंग होता है।
४. प्रजातियों कि आंखों पर विशिष्ट नीला धब्बा होता है।
मादा 
१. नर कि तुलना में मादाओं के कम रंगीन पंख होते है हैं, उनका सफ़ेद गला और एक छोटी शिखा होती है।
२. तीतर के पंखों के उपरी भाग भूरे-काले दब्बेदार होते हैं।
३. सफ़ेद पंख और काले और ताम्बे के धब्बे वाली एक परत पूंछ पंख बनती है।
४. नर की तरह मादाओं की आंखों पर एक विशिष्ट नीला धब्बा होता है।
प्रजनन काल
मई औए जून इनका प्रजनन काल है। मादा साल भर में सर मई और जून इनका प्रजनन काल है। मादा साल भर में सिर्फ एक ही बार अंडे दिया करती है। 2-3 इंच के इन अण्डों की संख्या 4-5 से दर्जन भर तक होती है। अंडे हलके बादामी रंग के होते हैं जिनमें भूरी चित्तियां पड़ी होती हैं। यह अंडे जमीन में बनाये गए गड्ढे, किसी पत्थर की ओट, किसी पेड़ की जड़ या फिर झुरमुट में दिए जाते हैं।

