बढ़ती गर्मी से घट सकती है फसलों की पैदावार: डॉ जसवंत राय
जालंधर। जलवायु परिवर्तन के कारण फरवरी के महीने में बहुत गर्मी पड़ने लगी है और बढ़ती गर्मी के साथ गेहूं की फसल की पैदावार कम होने की आशंका है। जालंधर के मुख्य कृषि अधिकारी डॉ जसवंत रॉय ने बुधवार को बताया कि इस समय समय, गेहूं की फसल तैयार हो रही है और इसके दाने दूधिया अवस्था में हैं, हवा में गर्मी इन अनाजों को प्रभावित कर सकती है।
उन्होंने कहा कि बढ़ती गर्मी के प्रभाव से गेहूं की फसल को बचाने के लिए किसान गेहूं की फसल में हल्की सिंचाई कर सकते हैं और फसलों पर पोटैशियम नाइट्रेट का छिड़काव कर सकते हैं। डॉ राय ने कहा कि बढ़ती गर्मी के कारण गेहूं की फसल पर तेला का हमला हो सकता है जो फसल का रस चूसकर गेहूं की उपज को प्रभावित कर सकता है।
उन्होंने कहा कि यह मौसम पीली फफूंद के हमले के लिए भी उपयुक्त है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे खेतों में नियमित रूप से जाकर इन कीट और रोगों के हमले से अवगत रहें और कृषि विश्वविद्यालय द्वारा अनुशंसित कीटनाशकों का उपयोग करें।
उन्होंने किसानों से अपील की कि हमें जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए मिलकर काम करना चाहिए और प्रकृति के पानी के अनमोल उपहार को बचाने के लिए कम पानी की आवश्यकता वाली फसलों की खेती करनी चाहिए। कृषि अधिकारी ने कहा कि किसानों को प्रशिक्षण शिविरों के माध्यम से इस बारे में शिक्षित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों को फसलों से संबंधित किसी भी समस्या को हल करने के लिए कृषि विभाग की सिफारिश के अनुसार फसल पर छिड़काव आदि करना चाहिए।
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