बरेली: दहेज हत्या में पति-देवर को उम्रकैद, सास-ससुर और दो ननद को 9 साल की कैद
अमृत विचार। दहेज में एक लाख रुपये की मांग पूरी न होने पर विवाहिता की आग से जलाकर हत्या करने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश त्वरित न्यायालय-प्रथम निर्दोष कुमार ने सत्र परीक्षण में आंवला के मोहल्ला घेर अन्नू खां निवासी मृतका के पति मसरूर उर्फ बाबू व देवर मंसूर उर्फ छोटू को हत्या का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास व प्रत्येक को 20-20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
इसके अलावा ससुर महबूब, सास अफसरी व ननद रिजवाना उर्फ लाडो व शबीना को 9-9 वर्ष कठोर कारावास व प्रत्येक को 10-10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। एडीजीसी क्राइम दिगंबर पटेल ने बताया कि मृतका दानिश उर्फ हुमा के पिता वादी भूरे खां ने थाना आंवला में तहरीर देकर बताया था कि हुमा का निकाह करीब 18 माह पहले मसरूर उर्फ बाबू के साथ हुआ था।
निकाह उपरांत बेटी का पति व ससुरालवाले उससे एक लाख रुपये दहेज की मांग करते थे और प्रताड़ित करते थे। ससुरालीजनों ने 20 दिसंबर 2016 को उसकी बेटी पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी तथा मरणासन्न हालत में जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया था। पीड़ित पिता की तहरीर पर पुलिस ने दहेज हत्या, उत्पीड़न की रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना उपरांत आरोप पत्र कोर्ट भेजा था। शासकीय अधिवक्ता ने 10 गवाह परीक्षित कराए थे।
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