हल्द्वानी: 130 विज्ञान चेतना केन्द्रों की जल्द होगी स्थापना 

Amrit Vichar Network
Published By Bhupesh Kanaujia
On

हल्द्वानी, अमृत विचार। एमआईइटी कुमाऊं कैंपस में आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए शनिवार को विज्ञान, अनुसंधान और कौशल विकास की भूमिका विषय पर संवाद का आयोजन किया गया। संवाद में पैनलिस्ट के रूप में डॉ. अनीता रावत निदेशक यूएसईआरसी, डॉ बीएस बिष्ट प्रबंध निदेशक, एमआइइटी कुमाऊं और डॉ. जगमोहन सिंह राणा प्रोफेसर भौतिकी, एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय ने उक्त विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किये। डॉ. राणा के अनुसार, देश का विकास वहाँ के लोगों के विकास के साथ जुड़ा हुआ होता है।
 

विकास के पथ पर कोई देश तभी आगे बढ़ सकता है जब उसकी आने वाली पीढ़ी के लिये सूचना और ज्ञान आधारित वातावरण और उच्च शिक्षा के स्तर पर शोध तथा अनुसंधान के पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हों। डॉ अनीता रावत ने यूसर्क के प्रदेश में विज्ञान प्रसार के लिए राज्य के माध्यमिक विद्यालयों में 130 विज्ञान चेतना केन्द्रों, राज्य के समस्त जनपदों में विद्यार्थियों वैज्ञानिक अभिरूचि एवं वैज्ञानिक चेतना विकसित करने हेतु स्टेम प्रयोगशालाओं की स्थापना एवं कौशल विकास द्वारा उद्यमियता को बढ़ावा देने के लिए सॉइल साइंस, एग्रोनॉमी, फिशरीज, ऑर्गेनिक फार्मिंग, मशरूम, मुर्गीपलन, वर्मी कंपोस्टिंग, पशुपालन आदि पर विकशित केंद्रों की जानकारी दी।

 डॉ. रावत ने कहा आत्मनिर्भर भारत के लिए सभी सरकारी एवम गैर सरकारी संस्थाओं को नवाचार एवम उद्यमियता पर ट्रिपल सी कोलेब्रेशन, कॉपरेशन और कम्युनिकेशन के साथ एक साथ कार्य करना चाहिए। डॉ. बीएस बिष्ट, प्रबंधन डायरेक्टर एमआईइटी कुमाऊं ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए युवाओ को नवाचार के साथ स्थानीय संसाधनों के दोहन कर उद्यमी बनने पर जोर दिया।  संवाद में डॉ. तरुण सक्सेना, डॉ. कमल रावत, डॉ रीतू तेवतिया, उषा पाल, एमआईईटी कुमाऊं के शिक्षक एवम स्टाफ आदि उपस्थित थे

संबंधित समाचार