रुद्रपुर: 289 अभियुक्तों की तलाश में पुलिस ने आठ प्रदेशों में डाला डेरा

Amrit Vichar Network
Published By Shweta Kalakoti
On

दो की हुई गिरफ्तारी, 58 को नोटिस कराया तामील

29 आरोपियों की हुई तस्दीक, छह टीमों का गठन, गिरफ्तारी को आला अधिकारियों के फरमान का इंतजार

रुद्रपुर, अमृत विचार। ऊधमसिंह नगर और नैनीताल में बढ़ रहे साइबर क्राइम की घटनाओं और अभियुक्तों की तलाश के लिए बनाई गई पुलिस टीमों ने देश के आठ प्रदेशों में डेरा डाल दिया था। एक माह चले इस सर्च अभियान में पुलिस टीमों ने दो सौ से अधिक अभियुक्तों की सूची बनाई है और कुछ की गिरफ्तारी के साथ ही कई आरोपियों को नोटिस तामील करवाया।

बताया जा रहा है कि एक माह के इस सर्च अभियान के बाद अब पुलिस की संयुक्त टीमें कभी भी चिह्नित एवं तस्दीक हुए आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अभियान चला सकती है। इसके लिए आला अधिकारियों के फरमान का इंतजार है।

बताते चलें कि पिछले कुछ माह में ऊधमसिंह नगर के अलावा नैनीताल जिले में अलग-अलग तरीकों से साइबर क्राइम की घटनाएं हुई हैं। उनमें से ज्यादातर आरोपियों की पहचान नहीं हो सकी। 8 फरवरी को पुलिस मुख्यालय के आदेश के बाद कुमाऊं की साइबर क्राइम थाना पुलिस के अलावा दोनों ही जनपद के एसएसपी को टीम बनाकर आरोपियों की धरपकड़ की कार्रवाई का आदेश दिया था।

इसके बाद ऊधमसिंह नगर पुलिस ने एक-एक निरीक्षक की निगरानी में छह टीमें बनाई। जिसमें दो इंस्पेक्टर, 11 दारोगा व 17 सिपाही शामिल रहे। आदेश जारी होते ही पुलिस टीमों ने बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, असम, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा में डेरा डाल दिया और एक माह की मेहनत के बाद 289 अभियुक्तों की सूची तैयार की।

जिसमें यूपी से दो की गिरफ्तारी करने के बाद 58 आरोपियों को 41(क) का नोटिस तामिल करवाया। इसके अलावा 29 आरोपियों की तस्दीक की। बाकी आरोपियों की सुरागरसी पर पुलिस सर्विलांस का सहारा लेकर पहचान करने की कोशिश कर रही है।


आरोपियों के भूमिका की होगी जांच

एसपी सिटी मनोज कत्याल ने बताया कि 200 मुकदमे दोनों जिलों के हैं। इसमें बड़ा सर्च अभियान चलाकर 289 आरोपियों के नाम सामने आए हैं। इसमें से 58 आरोपियों को नोटिस तामील कराया। वहीं 24 तस्दीक हुए आरोपियों ने अपने को बेकसूर बताया है।

मगर पुलिस अब भी इन आरोपियों की भूमिका की पड़ताल करेगी। बाकी 202 आरोपी अभी ऐसे हैं जिनके नाम तो सामने आए हैं। मगर उनकी वास्तविक भूमिका और उनके स्थान का पता लगाना जरूरी है, क्योंकि सभी के वास्तविक पतों पर कोई मौजूद नहीं था। ऐसे में विवेचक एक बार फिर से सभी से पूछताछ करेगा।