अयोध्या में गहराया बिजली व पेयजल संकट, हाहाकार, 300 से अधिक गांवों में जनजीवन अस्त-व्यस्त

अयोध्या में गहराया बिजली व पेयजल संकट, हाहाकार, 300 से अधिक गांवों में जनजीवन अस्त-व्यस्त

अयोध्या, अमृत विचार। बिजली कर्मियों की हड़ताल के कारण अयोध्या-फैजाबाद व ग्रामीण इलाकों में विद्युत आपूर्ति 24 घंटे से ठप पड़ी है। पेयजल का संकट गहरा गया है। इन्वर्टर बंद पड़ गए हैं। व्यापारियों का धंधा चौपट हो गया। शहर से देहात तक जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। हर तरफ बिजली व पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है।

शुक्रवार देर शाम तक जनपद के 300 से भी अधिक गांव व 35 हजार से अधिक घर प्रभावित हो गए। जनता त्राहिमाम कर रही है। सरकार की ओर से किए गए वैकल्पिक इंतजाम भी हवा-हवाई निकले। 16 उपकेंद्रों पर तैनात किए गए संग्रह अमीनों ने भी हाथ खड़े कर दिए।

गुरुवार देर रात से बिजली कर्मियों ने अपनी 72 घंटे की हड़ताल को शुरू कर दिया। यहां हड़ताल में 968 संविदा कर्मी भी हैं। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के कार्यवाहक अध्यक्ष सुशील मौर्य ने बताया कि शहर के फीडरों पर शट डाउन कर दिया गया है। नाका फीडर पर तो वृहस्पतिवार सुबह 8 बजे से बिजली नहीं आ रही। इसके बाद सुबह 3 बजे के करीब चौक, रीडगंज, नियावां और उसके बाद कौशलपुरी फीडर अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति ठप हो गई। सुबह सबसे अधिक दिक्कत लोगों को पेयजल की हुई। लोग खाली बाल्टियां लेकर निकले और सरकारी हैंडपंपों पर लंबी लाइन लगाने के बाद पानी का इंतजाम किया।

सबसे अधिक परेशानी स्कूल जाने वाले बच्चों और ऑफिस जाने वाले लोगों को हुई। इधर, जिले के 16 फीडरों पर तैनात किए गए 32 संग्रह अमीनों ने साफ कर दिया कि वह बिजली के फाल्ट नहीं बना सकते हैं। एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अयोध्या पहुंचे उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से जब बिजली समस्या का प्रश्न किया गया तो उन्होंने बिजली कर्मियों को हड़ताल वापस लेने की अपील की। कहा है कि जल्द से जल्द अयोध्या में बिजली आएगी।

मंदिर निर्माण कार्य भी रुका, पूजा व भोग में आई समस्या 
अयोध्या धाम में बिजली न होने के कारण बड़ी समस्या खड़ी हो गई। राम जन्मभूमि पर निर्माणाधीन मंदिर का कार्य भी थोड़ी देर के लिए रुक गया। हालांकि वैकल्पिक इंतजाम के बाद निर्माण कार्य शुरू कराया गया। वहीं राम कोट, रायगंज, नयाघाट, राम घाट, गोलाघाट, टेढ़ी बाजार में भी सुबह 7 बजे से लाइट न होने के कारण स्थानीय लोगों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। वहीं मठ मन्दिरों में भी बिजली ना होने के कारण पूजा भोग की समस्या से दो चार होना पड़ा। 

टूट पड़ा मच्छरों का प्रकोप
हड़ताल के कारण जनपद के कई इलाको में बिजली न होने के कारण लोग ठीक से सो भी नहीं पाए। इन्वर्टर ठप पड़ जाने के बाद रात में मच्छरों का प्रकोप लोगों पर टूट पड़ा, जिससे लोग रात में चैन की नींद नहीं सो पाए। सबसे अधिक परेशानी ग्रामीण इलाकों में हुई। 

पूरा बाजार प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र के दर्जनों गांव 30 घंटे से अंधेरे में हैं। बुधवार की दोपहर से विद्युत आपूर्ति ठप है। राजेपुर के शारदा यादव, जलालुद्दीन नगर के रणधीर सिंह, डब्लू, जय प्रकाश सिंह, पूरा बाजार के प्रमोद सोनी, रामचरित्र गुप्ता, मडना के ओमप्रकाश यादव, अभिषेक सिंह, ताहिरपुर के अर्जुन तिवारी बताते हैं कि रात भर बिजली का इंतजार करते रहे। विद्युत कर्मचारियों को फोन करते रहे लेकिन ज्यादातर कर्मचारियों का फोन बंद था। उपकेंद्र पूरा बाजार का कार्यभार संभालने वाले संग्रह अमीन अजीत मौर्या कहते हैं कि हम लोगों को बिजली विभाग की कोई जानकारी नहीं है।

देखरेख के अलावा हम कुछ कर नहीं सकते। विद्युत उप केंद्र रसूलाबाद के अंतर्गत आने वाले गांव में गुरुवार की रात से लेकर सुबह तक विद्युत आपूर्ति जारी थी, लेकिन सुबह 8 बजकर  22 मिनट पर विद्युत आपूर्ति ठप हो गई। रसूलाबाद उपकेंद्र पर भी संग्रह अमीन ड्यूटी दे रहे। विद्युत उपकेंद्र के अंतर्गत स्थित भरतकुंड फीडर के जीवपुर, पिपरी, रैथुआ, कल्याण भदरसा, तपोभूमि भरतकुंड, कल्याण भदरसा,  हुसेपुर भटपुरा नैपुरा, कोटवा, समेत 10 गांव के लोगों को बुधवार दिन में 12 बजे से अब तक विद्युत आपूर्ति नहीं मिली।

व्यवसाय प्रभावित, हुआ लाखों का नुकसान
गोसाईगंज कस्बा सहित आस पास के सैकड़ों गांव व बाजार अंधेरे में डूब गए। लोगों के मोबाइल बंद हो गए। कस्बे में जलापूर्ति ठप हो गयी। चूंकि अमूमन अधिकांश कार्य बिजली से ही संचालित होता है। विद्युत आपूर्ति ठप होने से बिजली उपकरणों व कारीगरों पर काफी प्रभाव पड़ा है,उनकी दुकानदारी पूरी तरह से चौपट हो गयी। विद्युतकर्मियों को फोन करने पर कोई फोन उठाने को तैयार नहीं है।

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