VIDEO: PM मोदी की डिग्री को लेकर AAP-BJP आमने-सामने, सुधांशु त्रिवेदी बोले- केजरीवाल पूरी तरह से विक्षिप्त हो गए 

VIDEO: PM मोदी की डिग्री को लेकर AAP-BJP आमने-सामने, सुधांशु त्रिवेदी बोले- केजरीवाल पूरी तरह से विक्षिप्त हो गए 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आमने सामने हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री मांगने पर गुजरात हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल पर 25 हजार का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने मुख्य सूचना आयोग (CEC) के आदेश को भी रद्द कर दिया है, जिसमें यूनिवर्सिटी और पीएमओ से डिग्री प्रस्तुत करने का आदेश दिया था।

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को प्रेस वार्ता की उन्होंने कहा, Gujarat HC का Order आया कि PM की Degree की जानकारी नहीं ले सकते। आज़ाद भारत में जानकारी लेना तो हर नागरिक का अधिकार है। कम पढ़ा-लिखा होना गुनाह नहीं है।

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आज युवा रोज़गार चाहता है, महंगाई से छुटकारा चाहता है। ऐसे में देश का प्रधानमंत्री पढ़ा-लिखा होना चाहिए। PM Modi के बयान देश को विचलित करते हैं- नाले की Gas से चाय बनाना, बारिश में Radar से बच जाना,Global Warming नाम की कोई चीज़ नहीं ,Canada में a+b x () square कहने की कोशिश कर रहे थे, Airforce, वैज्ञानिक, बच्चों ने जब ये बयान सुने तो उन्हें अटपटा लगा।

एक अनपढ़ प्रधानमंत्री देश को कैसे पीछे ले जाते हैं।  केजरीवाल ने कहा, High Court के Order ने प्रधानमंत्री जी की शिक्षा को लेकर संशय बढ़ा दिया है PM डिग्री क्यों नहीं दे रहे? उनको या तो अहंकार है या उनकी Degree Fake है। Gujarat University-Delhi University को डिग्री दिखाते हुए गर्व होना चाहिए था कि उनका लड़का प्रधानमंत्री बना है। 

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई सवाल पूछे। उन्होंने कहा कि गुजरात हाई कोर्ट का कल ऑर्डर आया कि देश के लोग प्रधानमंत्री की शैक्षणिक योग्यता के बारे में जानकारी नहीं ले सकते। इससे पूरा देश स्तब्ध है क्योंकि हम जनतंत्र में रहते हैं। यहां प्रश्न पूछने और जानकारी मांगने की आजादी होनी चाहिए। किसी का कम पढ़ा लिखा होना कोई गुनाह नहीं है। किसी का अनपढ़ होना गुनाह नहीं है, कोई पाप नहीं है। हमारे देश में इतनी गरीबी है। अपने घर की परिस्थितियों की वजह से बहुत लोग ऐसे हैं, जो नहीं पढ़ पाते। 

केजरीवाल ने कहा कि हमारे देश को आजाद हुए 75 साल हो गए। आज लोगों में बहुत बेचैनी है, लोग जल्दी से तरक्की चाहते हैं। 21वीं सदी का युवा महंगाई से छुटकारा और रोजगार चाहता है। ऐसे में देश के प्रधानमंत्री का पढ़ा-लिखा होना बहुत जरूरी है। पर जब हम देखते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी जी के हर दूसरे-तीसरे दिन ऐसे बयान आते हैं जो देश को विचलित कर देते हैं। जैसे- एक उनका बयान आया कि नाली में से जो गैस निकलती है उस गै स से चाय बनाई जा सकती है। कोई भी जानकार आदमी, पढ़ा-लिखा आदमी इस किस्म की बात नहीं करेगा। एक बयान आया कि अगर किसी दिन बारिश हो रही है और बादल हैं तो बादलों के पीछे हवाई जहाज को रेडार नहीं पकड़ पाएगा। जिसने भी सुना उसे लगा कि ये क्या बात है।

दिल्ली के सीएम ने कहा कि ऐसे में संदेह होता है कि क्या हमारे देश के प्रधानमंत्री पढ़े-लिखे हैं और कितने पढ़े-लिखे हैं? प्रधानमंत्री एक वीडियो में कहते हैं कि वह ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं। प्रधानमंत्री का पढ़ा-लिखा होना क्यों जरूरी है? उन्हें एक दिन में विज्ञान, अर्थव्यवस्था से संबंधित सैकड़ों फैसले लेने होते हैं। अगर पीएम पढ़े-लिखे नहीं होंगे तो अफसर और दूसरे लोग कहीं भी दस्तखत करा ले जाएंगे।

उन्होंने नोटबंदी का उदाहरण देते हुए कहा कि देश 10 साल पीछे चला गया। अगर देश के पीएम पढ़े-लिखे होते तो किसी हालत में नोटबंदी नहीं करते। जीएसटी जिस तरह से लागू किया गया, इसने अर्थव्यवस्था का बेड़ा गर्क कर दिया। किसानों के तीन काले कानून लागू किए गए। जिस तरह बिना चर्चा किए कानून आए उससे समझ में नहीं आता कि किसने पीएम के कान भरे और कानून पास कर दिया। एक साल बाद कानून वापस लेने पड़े।

सीएम ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों के अंदर देश में 60 हजार स्कूल बंद कर दिए गए। इसका मतलब शिक्षा को तवज्जो नहीं दी जा रही है। एक अनपढ़ देश कैसे तरक्की करेगा? हाई कोर्ट के ऑर्डर ने प्रधानमंत्री की शिक्षा को लेकर संशय और बढ़ा दिया है। इस बात का लोगों को जवाब नहीं मिल पाया कि पीएम कितने पढ़े-लिखे हैं। अगर डिग्री है और वह सही है तो डिग्री क्यों नहीं दे रहे हैं। एक, हो सकता है क्योंकि अहंकार हो कि मेरी डिग्री मांगने वाले ये कौन होते हैं। और दूसरा प्रश्न यह उठता है कि डिग्री हो सकता है नकली हो, फर्जी हो। जनता के मन में बहुत से प्रश्न खड़े हो रहे हैं।

भाजपा का पलटवार
कुछ देर बाद ही भाजपा के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पलटवार किया। उन्होंने कहा, अरविंद केजरीवाल जी पूरी तरह से विक्षिप्त हो गए हैं। पता नहीं क्या क्या-उल्टा सीधा बोलते जा रहे हैं... निम्नता पर आ रहे हैं और कोर्ट से फटकार भी खा रहे हैं। उन्होंने जिस तरह की भाषा, शैली और भाव भंगिमा का इस्तेमाल किया है वो निम्नतम स्तर की है। अब यह तथ्यों के साथ सामने आ रहा है कि केवल मनीष सिसोदिया ही नहीं आम आदमी पार्टी के अन्य लोग भी भ्रष्टाचार के द्वारा शराब नीति को प्रभावित करने के जिम्मेदार थे। अब इन्हें कोई न कोई तो स्वांग रचना ही है, इसलिए विषय प्रधानमंत्री जी की डिग्री का नहीं... विषय इनके भ्रष्टाचार का था, उसे छिपाने के लिए यह स्वांग रचा।

अब इनकी वो वैगन-आर नहीं दिखती, मैं बंगला नहीं लूंगा लेकिन ले लिया, मैं सुरक्षा नहीं लूंगा लेकिन ले ली... कोई एक बिंदु बता दीजिए जिन पर इन्होने अपना स्टैंड कायम रखा हो। इसलिए हम इनको सबसे बड़ा स्वांग रचने वाला कहते हैं।  हम साफ यह कहना चाहते हैं कि- केजरीवाल जी, बहुत बड़बोले आप होंगे लेकिन बड़बोलेपन से कुछ हासिल नहीं होने वाला और बहुत ही निर्लज्जता आप दिखा रहे हैं और इस से भी आपको कुछ नहीं मिलने वाला।

अब यह तत्थ्यों के साथ सामने आ रहा है कि केवल श्री मनीष सिसोदिया ही नहीं आम आदमी पार्टी के अन्य लोग भी भ्रष्टाचार के द्वारा शराब नीति को प्रभावित करने के जिम्मेदार थे। अब इन्हें कोई न कोई तो स्वांग रचना ही है, इसलिए विषय प्रधानमंत्री जी की डिग्री का नहीं... विषय इनके भ्रष्टाचार का था, उसे छिपाने के लिए यह स्वांग रचा।

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