Dehradun News: नहीं रुक रहा Cyber Crime, 80 करोड़ की ठगी का पर्दाफाश, एक आरोपी गिरफ्तार

Amrit Vichar Network
Published By Shobhit Singh
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देहरादून, अमृत विचार। साइबर अपराध रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं, लाख कोशिश करने के बाद साइबर ठग दिनोंदिन बढ़ते जा रहे हैं। साइबर क्राइम थाना देहरादून ने अंतर्राष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह द्वारा गोल्ड के व्यवसाय में इन्वेस्ट करने का लालच देकर देशभर में कम से कम 80 करोड़ रुपये की ठगी किये जाने की आशंका जताई गई है। पुलिस ने गिरोह के एक सदस्य को महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया है। इस गिरोह के तार हांगकांग और सिंगापुर से जुड़े होने की भी संभावना जताई गई है।

गोल्ड में ऑनलाइन इन्वेस्ट का दिया लालच

एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि दीपक कुमार ने ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत करवाई थी। उनका कहना था कि अज्ञात लोगों ने फर्जी दस्तावेजों को इस्तेमाल कर खुद को भारतीय कम्पनी फाइनेहब से बताते हुए विभिन्न नम्बरों से व्हाट्सएप के माध्यम से सम्पर्क किया और गोल्ड में ऑनलाइन इन्वेस्ट कर लाभ कमाने का लालच देकर 22,48,258 रुपये की ठगी की। 

जांच के लिये 7 टीमों का किया गया गठन

साइबर क्राइम पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच के लिये 7 टीमों को गठन किया। जांच में पता चला कि शिकायतकर्ता की रकम लातूर महाराष्ट्र में ट्रांसफर हुई है। पुलिस की एक टीम को लातूर भेजा गया है।

महाराष्ट्र से एक आरोपी गिरफ्तार

इस मामले में पुलिस को वेबसाइट निर्माता, बैंक खाता संचालक, हवाला परिचालन आदि से संबंधित जानकारियां जुटाईं। इसके साथ ही एक मास्टरमाइंड के बारे में पता चला, जो बैंक खाता खोलने में अहम भूमिका निभाता था। इस मास्टरमाइंड को पुलिस ने महाराष्ट्र से गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से एक मोबाइल फोन, एक आधार कार्ड, एक पैन कार्ड और एक आईडी कार्ड को बरामद किया गया।

फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर करते थे ठगी

एसएसपी के अनुसार, आरोपी व्हाट्सएप के माध्यम से लोगों से सम्पर्क कर फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर खुद को एक कंपनी का कर्मचारी बताते थे और गोल्ड में ऑनलाइन इनवेस्ट करने का लालच देते थे। इस गिरोह के सदस्य गोल्ड ट्रेडिंग ऐप में निवेश के नाम पर लोगों को लगातार लुभाते हैं। 

छोटा निवेश वापस कर हड़पते थे बड़ी रकम 

आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वे लोग अपने जाल में फंसे व्यक्ति से शुरुआत में गोल्ड निवेश के नाम कुछ छोटा निवेश करवाते हैं और अच्छे लाभ के साथ रकम वापस करते हैं। इससे जाल में फंसा व्यक्ति लालच में आ जाता है और कंपनी में बड़ा निवेश करने के लिए तैयार हो जाता है। इसके बाद उस व्यक्ति को व्हाट्सऐप के जरिए बताया जाता कि अब पैसा नहीं निकाला जा सकता और ज्यादा निवेश करना होगा। इस पर पीडि़त व्यक्ति झांसे में आ जाता है और उससे हम लोग अच्छी खासी रकम हड़प लेते हैं।

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