लखनऊ : डॉ. राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय में कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

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Published By Virendra Pandey
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प्रोन्नति समेत अन्य मांगों के पूरा न होने से हैं आक्रोशित

लखनऊ, अमृत विचार। राजधानी के डॉ. राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय के आक्रोशित कर्मचारियों ने सोमवार को प्रदर्शन किया है। प्रोन्नति न होने से कर्मचारी आक्रोशित है। इसी के चलते  डॉ. राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय स्थित लोहिया चौक पर बैठे कर्मचारियों ने मांगों को लेकर संघर्ष करने की बात कही है।

दरअसल, प्रोन्नति समेत अन्य मांगों को लेकर कर्मचारियों ने कुलपति को पत्र भी लिखा है। पत्र में मांगों को जल्द माने जाने की अपील की गई है। कर्मचारियों ने कुलपति को भेजे गये पत्र में यहां तक आरोप लगाया है कि विवि प्रशासन कर्मचारियों के साथ भेदभाव करता है। 

कुलपति को भेजे पत्र के मुख्य बिन्दु

- 29.04.2023 को तृतीय श्रेणी कार्मिकों द्वारा प्रोन्नति संबधी कतिपय मांगों को पूर्ण किये जाने हेतु एक प्रत्यावेदन दिया गया था। उक्त प्रत्यावेदन में यह उल्लेख किया गया था कि दिनांक 07.06.2023 तक यथोचित कार्यवाही न होने पर समस्त कार्मिक पूर्व में शिक्षको द्वारा की गयी कार्यवाही के अनुरूप ही शान्तिपूर्ण ढंग से कार्य बहिष्कार एवं धरना प्रदर्शन आयोजित करेंगे।

- कालान्तर में सहायक कुलसचिव संवर्ग में नियुक्त अधिकारियों द्वारा तृतीय श्रेणी के कार्मिकों की मांगों को समर्पित करते हुये कार्य बहिष्कार एवं धरना प्रदर्शन में सम्मिलित होने का आश्वासन दिया गया। तानुसार ही आज दिनांक 08.05.2023 से लोहिया चौक पर  मांगे पूर्ण होने तक) समस्त कार्मिक एवं सहायक कुलसचिव द्वारा निम्नलिखित गोष्टगत शान्तिपूर्ण कार्य बहिष्कार एवं धरना प्रदर्शन आयोजित किया जा रहा है।

. विश्वविद्यालय स्थापना के समय से विश्वविद्यालय प्रशासन अवगत है कि समस्त कार्मिकों हेतु प्रोन्नति की कोई व्यवस्था नहीं है, फिर भी उनके द्वारा प्रोन्नति के पदों को सृजित कराये जाने सम्बन्धी कोई कार्यवाही नहीं की गयी अपितु प्रशासन द्वारा उपलब्ध प्रयोजनों जो कि नियमों के अनुरूप भी नहीं है, कतिपय शिक्षकों एवं अधिकारियों को नियमविरुद्ध प्रोन्नतियां लगातार प्रदान की जा रही है किन्तु प्रशासन अधोहस्ताक्षरीजना के प्रकरण में मौन क्यों है।
 
- अपोहस्ताक्षरीजनों द्वारा लगातार विभिन्न प्रत्यावेदन दिये जाते रहे है किन्तु प्रशासन की ओर से प्रत्यावेदन का कोई भी उत्तर नहीं दिया जाता है. आखिर हम लोगों एवं हमारे परिवारीजनों के भविष्य के साथ ऐसा क्यो

- पूर्व में कनिष्ठ सहायकों का अन्यत्र चयन हो जाने पर भी कर्मचारियों की कमी का हवाला देते हुये कार्यमुक्त नहीं किया गया, जबकि आउटसोर्सिग पर पर्याप्त कार्मिकों को सेवा प्रशासन द्वारा मोटे वेतन के आधार पर प्राप्त की जा रही है।

- बिन्दु संख्या-3 पर वर्णित कृत्य को छिपाने के दृष्टिगत दिनांक 27.02.2021 को कार्य परिषद् के समस्त प्रकरण को ले जाया गया। कार्य-परिषद् के निर्देशों के अनुरूप प्रोन्नतियों का विवरण तैयार कर शीघ्र कार्य परिषद् के समक्ष प्रस्तुत किया जाना था किन्तु अद्यतन कोई कार्यवाही नहीं की गयी है। हालांकि एक समिति गठित करते हुये रिपोर्ट तैयार करायी गयी है किन्तु उसे नही कार्यपरिषद के समक्ष प्रस्तुत किया गया और न ही शासन को ही प्रेषित किया गया और न प्रोन्नतियां प्रदान की गयी जबकि वित्त अधिकारी महोदय एवं वित्त विभाग, उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधि द्वारा आपत्ति के उपरान्त भी नियम विरूद्ध ढंग से शिक्षकों को प्रोन्नतियां प्रदान की जा रही है।

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