हरियाणा के 900 गांवों में ई-डिजिटल लाइब्रेरी का निर्माण शुरू: चौटाला

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
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फाइल फोटो

जींद। हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि राज्य के 900 गांवों में ई-डिजिटल लाइब्रेरी का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है तथा इनमें से उचाना हल्के में गत एक वर्ष में 100 ई-डिजिटल लाइब्रेरियां स्थापित की गई हैं। चौटाला ने आज जींद जिले के अलिपुरा गांव में जनसभा को सम्बोधित करते हुये यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि उचाना विधानसभा क्षेत्र के प्रत्येक गांव में निरंतर चहुंमुखी विकास हो रहा है। निकट भविष्य में उचाना प्रदेश के विकसित क्षेत्रों में शुमार होगा। उन्होंने बताया कि काफी समय से उठाई जा रही उचाना शहरवासियों की सर्विस लेन की मांग भी पूरी हो जाएगी।

इसके अलावा उचाना बस अड्डा के नवीनीकरण के लिए भी 70 लाख रुपए परिवहन विभाग ने लोक निर्माण विभाग को दे दिए गए है। इसके लिये अगले माह निविदा प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। चौटाला ने कहा कि क्षेत्र के युवा खिलाड़ियों को खेल प्रतिभा निखारने के अवसर प्रदान करने के लिए एक बड़ा इंडोर खेल स्टेडियम का निर्माण भी कराया जाएगा, इसके लिए क्षेत्र में तीन जगह चिह्नित की गई हैं जहां भी सभी प्रकार के मापदंड और औपचारिकताएं पूरी होगीं, वहीं स्टेडियम का निर्माण कराया जाएगा।

इसके अलावा क्षेत्र में रग्बी और कबड्डी के खिलाड़ियों को भी उचित खेल सुविधा प्रदान करने के लिए उचाना में खेल नर्सरी बनाने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उचाना हलका के वासियों को स्वच्छ पेयजल मुहैया कराना उनकी प्राथमिकता है।

इसके लिए राजमार्ग से विपरीत दिशा में लगते 17 गांवों के लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 50 करोड़ रुपए की लागत से पाइप लाइन बिछाकर भाखड़ा का स्वच्छ पानी दिया जाएगा। इसके अलावा हलका के गांव गुरुकुल खेड़ा के प्रत्येक घर में सीएसआर के सहयोग से सोलर पैनल लगाने का कार्य शुरू हो चुका है जो अगले करीब तीन- चार महीने में पूरा हो जाएगा, इस कार्य के पूरा होने से सोलर पैनल ऊर्जा आपूर्ति के तौर पर गुरुकुल खेड़ा प्रदेश का मॉडल गांव साबित होगा।

उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि बीपीएल राशन कार्ड धारकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने अब बिजली बिल की सीमा नौ हजार रुपए से बढ़ाकर 12 हजार रुपए सालाना की है। उन्होंने कहा कि मौजूदा गठबंधन राज्य सरकार के लिए किसान हित सर्वोपरि हैं। इसी दिशा में अब किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए पहले की तरह मंडियों में कई-कई रात नहीं बितानी पड़ती बल्कि ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर रजिस्टर्ड किसान की फसल की खरीदारी मंडी में आते ही हो जाती है। फसल बिक्री के 72 घंटे के अंदर रकम अदायगी सीधा किसान के खाते में की गई है।

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