फर्जी इनवॉइस और ई-वे बिल से जीएसटी चोरी करने वाले पांच गिरफ्तार, STF ने अंतरराज्यीय गिरोह के सदस्यों को दबोचा

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Published By Muskan Dixit
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मोबाइल में मिला 50 से अधिक ई-मेल आईडी और कई फर्मों के लॉगिन डिटेल्स

लखनऊ, अमृत विचार: बोगस फर्मों का पंजीकरण कर फर्जी इनवॉइस और ई-वे बिल से सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का एसटीएफ ने पर्दाफाश किया है। एसटीएफ ने गिरोह के पांच सदस्यों को गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) और बिहार के वैशाली से गिरफ्तार किया है। गिरोह फर्जी दस्तावेजों के सहारे वास्तविक फर्मों को इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) बेचकर बड़े पैमाने पर कर चोरी कर रहा था। आरोपियों के पास से चार लैपटॉप, नौ मोबाइल फोन और 13,500 रुपये बरामद हुए हैं।

एसटीएफ के डिप्टी एसपी प्रमेश कुमार शुक्ला के मुताबिक, शनिवार को एसटीएफ टीम ने नोएडा कार्यालय में पूछताछ के दौरान चार आरोपियों को हिरासत में लिया। वहीं, पाचवें आरोपी को बिहार के वैशाली जिले से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार आरोपियों में गाजियाबाद साहिबाबाद सुल्तानपुर का बिदेश्वर प्रसाद पांडेय, मूलत बिहार के गोपालगंज का बबलू कुमार, प्रिंस पांडेय, छपरा का दीपांशु शर्मा (तीनों ने गाजियाबाद में ठिकाना बना रखा है) और बिहार वैशाली का जयकिशन शामिल हैं।

ऐसे दिया जाता था कर चोरी को अंजाम

पूछताछ में सामने आया कि गिरोह का मास्टरमाइंड बिदेश्वर पाण्डेय गाजियाबाद में अकाउंटेंसी और जीएसटी से जुड़ी कोचिंग चलाता था। यहीं उसने बोगस फर्में बनाकर फर्जी इनवॉइस और ई-वे बिल तैयार करने का नेटवर्क खड़ा किया।
मोबाइल में मिला 50 से अधिक ईमेल आईड

एसटीएफ के अनुसार आरोपियों के मोबाइल फोन में 50 से अधिक ई-मेल आईडी और कई फर्मों के लॉगिन डिटेल्स मिले हैं। प्रारंभिक जांच में करोड़ों रुपये की जीएसटी चोरी के साक्ष्य मिले हैं। इस मामले में जीएसटी विभाग द्वारा प्रदेश के विभिन्न जनपदों में पहले से रिपोर्ट दर्ज कराए गए थे। एसटीएफ ने सभी आरोपियों को शनिवार को कोर्ट में पेश किया। जहां से न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। पुलिस का कहना है कि गिरोह से जुड़े अन्य लोगों और फर्जी फर्मों की तलाश जारी है।

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