'The Kerala Story' के लेखक सूर्यपाल सिंह ने कहा, वामपंथी विचारधारा पर आधारित फिल्म लिखने को भी तैयार हूं

'The Kerala Story' के लेखक सूर्यपाल सिंह ने कहा, वामपंथी विचारधारा पर आधारित फिल्म लिखने को भी तैयार हूं

इंदौर (मध्य प्रदेश)। सियासत के गलियारों में हलचल पैदा करने वाली फिल्म 'द केरल स्टोरी' की पटकथा और संवाद लिखने वाली तिकड़ी में शामिल सूर्यपाल सिंह ने सोमवार को कहा कि अगर उन्हें कोई सच्ची कहानी मिले, तो वह वामपंथी विचारधारा पर आधारित फिल्म के लिए भी काम करने को तैयार हैं। सिंह ने इंदौर में एक साक्षात्कार में कहा, जबरन या बरगलाकर लोगों का धर्म बदलवाना स्थानीय नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मसला है। मैंने 'द केरल स्टोरी' के जरिये एक पेशेवर फिल्म लेखक के तौर पर इस मसले के जमीनी हालात को दिखाने की कोशिश की है। अब अगर इस फिल्म के कारण मुझ पर यह छाप लगने वाली है कि मैं एक विचारधारा विशेष के एजेंडा को आगे बढ़ा रहा हूं, तो मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। 

फिल्म के पटकथाकार सूर्यपाल सिंह ने एक सवाल पर कहा कि अगर उन्हें वामपंथी विचारधारा पर आधारित किसी फिल्म के लिए कोई कहानी 'प्रमाण के साथ' उपलब्ध कराई जाए और वह इसकी ‘‘सच्चाई’’ से संतुष्ट हो जाएं, तो वह ऐसी फिल्म की पटकथा और संवाद लिखने को भी तैयार हैं।

उन्होंने इस धारणा को खारिज कर दिया कि पांच मई को परदे पर उतरी ‘‘द केरल स्टोरी’’ दक्षिणपंथी धड़े या किसी पार्टी विशेष की विचारधारा का प्रचार करती है। सिंह ने कहा, ‘‘अगर यह फिल्म किसी पार्टी या विचारधारा विशेष के लोगों द्वारा प्रायोजित होती, तो इसका बजट केवल 30 करोड़ रुपये नहीं, बल्कि 300 से 400 करोड़ रुपये होता और इसमें कम परिचित अदाकारों के बजाय बड़े सितारे होते।’’ ‘‘द केरल स्टोरी’’ को कर्नाटक विधानसभा चुनावों में भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए जान-बूझकर मतदान से ऐन पहले रिलीज किए जाने के आरोपों को उन्होंने ‘‘हास्यास्पद’’ करार दिया। 

फिल्म के पटकथाकार ने कहा, ‘‘ऐसे आरोप लगाने वाले लोगों से पूछा जाना चाहिए कि क्या इस फिल्म से भाजपा को चुनावी फायदा हुआ? अगर यह पार्टी विशेष के प्रचार के लिए बनी फिल्म होती या केवल चुनावों को ध्यान में रखकर बनाई गई होती, तो आज कर्नाटक में जो जनमत सामने आया है, वह अलग ही होता।’’

गौरतलब है कि कर्नाटक में 10 मई को हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 224 सीटों में से 135 पर जीत हासिल की, जबकि भाजपा और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा की पार्टी जनता दल (सेक्युलर) के खाते में क्रमश: 66 और 19 सीटें आईं। सिंह ने कहा, "द केरल स्टोरी फिल्म में जिस मुद्दे (जबरन या बरगलाकर धर्मांतरण) को उठाया गया है, वह भाजपा की पसंद का विषय हो सकता है। लेकिन अगर हम कई साल पहले या कई साल बाद भी यह फिल्म बनाते, तब भी हम पर यही आरोप लगता कि हम एक पार्टी विशेष का प्रचार कर रहे हैं।’’ 

उन्होंने पूछा कि क्या कट्टरपंथी और आतंकी संगठनों द्वारा युवतियों को बरगलाकर उनका धर्म बदलवाना और उन्हें सीरिया ले जाकर छोड़ देना सामाजिक मुद्दा नहीं है? सिंह ने कहा कि इस मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों को अपनी आवाज बुलंद करनी चाहिए। फिल्म ‘‘द केरल स्टोरी’’ की पटकथा और संवाद लिखने वाले लोगों में सिंह के अलावा इसके निर्माता विपुल अमृतलाल शाह और निर्देशक सुदीप्तो सेन शामिल हैं। सिंह, पुणे के प्रतिष्ठित भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) के छात्र रहे हैं। उन्होंने राजस्थान के जल संकट पर आधारित फिल्म ‘‘टर्टल’’ (2018) के संवाद लिखे थे। संजय मिश्रा की प्रमुख भूमिका वाली इस फिल्म को वर्ष 2019 में सर्वश्रेष्ठ राजस्थानी फिल्म के तौर पर राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। 

ये भी पढ़ें :  The Kerala Story Collection : फिल्म 'द केरल स्टोरी ' का बॉक्स ऑफिस पर कमाल, की 100 करोड़ से अधिक की कमाई