एमवीए सहयोगी महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट पर न्यायालय के फैसले के बारे में जनता को विस्तार से बताएंगे 

एमवीए सहयोगी महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट पर न्यायालय के फैसले के बारे में जनता को विस्तार से बताएंगे 

ठाणे। महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के गठबंधन सहयोगी राज्य के राजनीतिक संकट पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बारे में जनता को विस्तार से बताने के लिए अभियान चलाएंगे। महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस सरकार को असंवैधानिक करार देते हुए एमवीए के सहयोगियों ने शनिवार को आरोप लगाया कि राज्य सरकार उस राजनीतिक संकट पर उच्चतम न्यायालय के हालिया फैसले पर लोगों के बीच भ्रामक सूचना फैला रही है, जिसके कारण पिछले साल उद्धव ठाकरे-नीत सरकार गिर गई थी।

ठाणे में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की शहर इकाई के अध्यक्ष आनंद परांजपे और शिवसेना (यूबीटी) तथा कांग्रेस के उनके समकक्ष क्रमशः प्रदीप शिंदे और विक्रांत चव्हाण ने कहा कि तीनों सहयोगी दल जनता तक पहुंचेंगे और उन्हें शीर्ष अदालत के फैसले के मायने समझाएंगे।

परांजपे ने दावा किया, एकनाथ शिंदे और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार ने फैसले की गलत व्याख्या की है और यह राज्य के लोगों को भ्रमित कर रहा है, लेकिन हम शीर्ष अदालत के फैसले की व्याख्या करके तथ्यों को सही परिप्रेक्ष्य में रखना चाहते हैं। उन्होंने कहा, हम इस पर सत्र आयोजित करेंगे।

शुरुआत में आगामी मंगलवार को तीनों दलों के पदाधिकारियों के लिए ठाणे में सत्र आयोजित किया जाएगा। शिंदे और चव्हाण ने कहा कि बाद में प्रत्येक जिले और तालुका में इस तरह के सत्र आयोजित किए जाएंगे। शिवसेना में शिंदे गुट की बगावत के बाद तीन दलों वाली एमवीए सरकार के गिरने के कारण राजनीतिक संकट से संबंधित याचिकाओं पर सर्वसम्मति से अपने फैसले में उच्चतम न्यायालय ने 11 मई को कहा था कि वह उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली तत्कालीन एमवीए सरकार को बहाल नहीं कर सकता, क्योंकि उन्होंने पिछले साल जून में शक्ति परीक्षण का सामना किए बिना इस्तीफा दे दिया था।

अदालत ने महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को लेकर कहा था कि उनके पास इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए ऐसी सामग्री नहीं थी कि तत्कालीन मुख्यमंत्री ठाकरे ने सदन का विश्वास खो दिया था।

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