Noida के बाद Kanpur में फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज चला रहे दो शातिर गिरफ्तार, मास्टरमाइंड मुंबई में बैठा, ATS ने ऐसे दबोचा

कानपुर में फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज चला रहे दो शातिर गिरफ्तार।

Noida के बाद Kanpur में फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज चला रहे दो शातिर गिरफ्तार, मास्टरमाइंड मुंबई में बैठा, ATS ने ऐसे दबोचा

Kanpur News कानपुर में एटीएस ने छापा मारकर फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज चलाने वाले दो शातिरों को गिरफ्तार कर लिया। दसवीं व बारहवीं पास शातिर अवैध टेलीफोन एक्सचेंज चला रहे थे।

कानपुर, अमृत विचार। शहर में दसवीं और बारहवीं पास शातिर अवैध टेलीफोन एक्सचेंज चला रहे थे। दोनों अब तक का सबसे बड़े अवैध टेलीफोन एक्सचेंज चला रहे थे, जिनसे विदेशी कॉल करवाई जा रही थी। इसका खुलासा शनिवार को एटीएस के छापे से हुआ। एटीएफ ने दोनों शातिरों को गिफ्तार कर सिम बाक्स, हजारों प्री एक्टिवेटेड सिम और इलेक्ट्रानिक डिवाइस बरामद की है।

पुलिस पूछताछ में दोनों ने बताया कि उनका मास्टर माइंड मुंबई में है। दोनों उसके इशारे पर काम कर रहे थे। एटीएस अधीक्षक का कहना है कि सरगना की गिरफ्तारी के लिए एक टीम मुंबई भेजी गई है। जल्द ही उसको भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

शहर से इंटरनेशनल गेटवे को बाईपास कर विदेश में कॉल कराए जाने की सूचना एटीएस को काफी दिनों से मिल रही थी। एटीएस की कानपुर यूनिट ने मुखबिरों को सक्रिय कर दिया था। इस बीच शनिवार को एटीएस को रिहायशी इलाकों में दो अवैध टेलीफोन एक्सचेंज के बारे में पता चला तो एटीएस की टीम दो हिस्सों में बंट गई।

एक टीम ने लाल इमली से ग्वालटोली जाने वाली सड़क पर स्थित पैराडाइज बिल्डिंग में शाहिद जमाल के फ्लैट में छापा मारा तो हड़कंप मच गया। शाहिद ने भागने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो पाया। एटीएस की टीम शाहिद के बेडरूम पर गई तो वहां अवैध टेलीफोन एक्सचेंज और उपकरण बरामद हो गए।

वहीं, दूसरी टीम ने जाजमऊ केडीए कालोनी मदीना मस्जिद के पास मिर्जा असद के घर पर छापा मारा तो वहां से भी अवैध टेलीफोन एक्सचेंज और उपकरण बरामद हो गए। एटीएस ने दोनों को हिरासत में लेकर सामान जब्त कर लिया।

ज्यादा पैसे कमाने के लिए किया अवैध काम

एटीएस की पूछताछ में पता चला कि शाहिद जमाल बेकनगंज निवासी है और 10वीं पास है। वह 2017 में मुंबई में अवैध टेलीफोन एक्सचेंज के मामले में पहले ही जेल जा चुका है। वहीं मिर्जा असद सिविल लाइन निवासी है। वह 12वीं पास दर्जी है। ज्यादा पैसे कमाने की लालच में दोनों अवैध काम करने लगे थे।

मुंबई में बैठा है मास्टर माइंड

एटीएस पूछताछ में दोनों ने बताया कि मुंबई निवासी नाजिम खा मास्टर माइंड है। वो टीम व्यूअर के माध्यम से कॉनफिगर करता है। इसके बाद इंटरनेट के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय कॉल को इंटरनेशनल गेटवे बाईपास कराकर सिमबाक्स पर लैंड कराया जाता है। जिससे वीओआईपी (इंटरनेट) कॉल नार्मल वायस कॉल में परिवर्तित हो जाती है। कॉल रिसीव करने वाले को कॉल करने वाले के नंबर की जगह सिम बॉक्स में लगे सिमकार्ड का नंबर दिखता है। इससे कॉलर की पहचान नहीं हो पाती है।

टेरर फंडिंग का खतरा रहता है

अवैध टेलीफोन एक्सचेंज से रेडिक्लाइजेशन, हवाला, टेरर फंडिंग का खतरा रहता है। आतंकी, स्लीपर सेल समेत अराजकतत्व इसी के जरिए फोन करते है, ताकि वे पकड़े न जाए। इससे राजस्व का भी नुकसान होता है।

इन धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ

419/420/467/468/471/120 बी, 20/21/25/4 भारतीय तार अधिनियम 1885, 66/66 डी सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधित) अधिनियम 2008 व 3/6 भारतीय बेतार यांत्रिकी अधिनियम 1933 में रिपोर्ट दर्ज की गई है।

ये सामान बरामद हुआ

13 क्रियाशील सिमबाक्स, 4 सील बंद सिमबाक्स, 4000 प्री एकिटवेटेड सिम कार्ड, 4मॉडम, राऊटर, 6 मोबाइल, 2 लैपटॉप, एलएएन केबल, बैटरी, पावर केबल, जार्जर एडप्टर, यूएसबी केबल समेत अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरण।