Kanpur: शौहर ने दिया धोखा, बच्चों संग अफगानिस्तान में बंधक शहर की युवती, पासपोर्ट भी छीन लिया, जानें- पूरा मामला
शौहर के धोखा देने पर बच्चों संग अफगानिस्तान में कानपुर की युवती बंधक है।
शौहर के धोखा देने पर बच्चों संग अफगानिस्तान में कानपुर की युवती बंधक है। काबुल से 80 किमी. दूर जुरमुट में बंधक है। उसका पासपोर्ट भी छीन लिया गया।
कानपुर, [कुशाग्र पांडेय]। शहर की एक महिला और उसके तीन बच्चे अफगानिस्तान में बंधक है। एक अफगानी नागरिक निकाह कर उसको वहां ले गया था। अब अफगानी नागरिक उसको बच्चों समेत वहां छोड़कर मुंबई आकर बस गया है। उसने यहां पर दूसरी शादी भी कर ली है। अफगानी नागरिक के परिजन महिला और उसके बच्चों को बंधक बनाए हुए है। बच्चों समेत उसको वहां पर काफी प्रताड़ित किया जा रहा है।
उसने कुछ दिनों पहले किसी का मोबाइल मांगकर परिजनों को फोन कर आपबीती बताई है। वह वापस आने की गुहार लगा रही है। गरीब और कानूनी जानकारी न होने से परिजन कुछ कर नहीं पा रहे है। उनका कहना है कि वे बेटी और बच्चों को वापस लाना चाहते है, लेकिन कैसे ला सकते है। इस बारे में उनको कुछ पता नहीं है।
बाबूपुरवा बगाही निवासी समीरून निशा बेवा है। उनकी बेटी हीना 2012 में मुंबई निवासी रिश्तेदार के घर गई थी। वहां पर उसकी मुलाकात मोहम्मद गनी उर्फ नूर मोहम्मद उर्फ मो. इसा से हुई थी। दोस्ती के बाद दोनों के बीच प्रेम संबंध हो गए। फिर दोनों ने निकाह कर लिया। गनी ने हीना को यह नहीं बताया था कि वह अफगानी नागरिक है। शादी के बाद कुछ दिनों तक दोनों मुंबई में ही रहे। उनका बड़ा बेटा कामरान यहीं पर हुआ। फिर गनी घूमने के बहाने उसको अफगानिस्तान ले गया। वहां जाने पर हीना को पता चला कि गनी अफगानी नागरिक है। करीब तीन साल तो सब ठीक रहा। हीना के दो बच्चे और हुए।
इसके बाद गनी उसको बच्चों समेत वहीं छोड़कर मुंबई आकर बस गया। यहां पर उसने दूसरी शादी कर ली। इधर, हीना का ससुराल में प्रताड़ित किया जाने लगा। वह गनी से फोन पर शिकायत करती थी तो गनी यह कहकर उसको शांत करा देता था कि मै वापस आकर सब ठीक कर दूंगा। जब काफी समय तक गनी वापस नहीं आया तो हीना ने ससुराल वालों ने उसको भारत भेजने के लिए कहा। इसके बाद से उसको और प्रताड़ित किया जाने लगा। उससे घर का सारा काम कराया जाने लगा। जब वह काम करने से मना कर देती है तो बच्चों के साथ मारपीट की जाती है।
मुंबई में बसा गनी, सूखे नशे का है सप्लायर
गनी मुंबई के सात रास्ते में रहता है। वह ब्याज का काम करता है। इसके अलावा वह एक पब से भी जुड़ा है। वह पब में नशाखोरी का सामान सप्लाई करता है। हीना के मुताबिक वह अफगानिस्तान से नशे का सामान लाकर यहां बेचता है। तभी उसने कुछ सालों में इतना पैसा कमा लिया है कि वह अब ब्याज का काम करने लगा है।
जुरमुट में है हीना, पासपोर्ट भी छीन लिया
हीना ने जब परिजनों को फोन किया था तो उसने बताया कि वह काबुल से 80 किमी दूर जुरमुट में है। ससुराल वालों ने उसका पासपोर्ट छीन लिया है। बच्चों का पासपोर्ट बना नहीं है। उसके पास पैसे भी नहीं है जो वह बच्चों का पासपोर्ट बनवा पाए। उसने आसपास के लोगों से भी मदद मांगी, लेकिन कोई उसकी मदद करने को तैयार नहीं है। उसको घर पर बंधक बनाकर रखा गया है। उसको घर से भी निकलने नहीं दिया जाता है। उसको सुबह उठते ही काम पर लगा दिया जाता है।
बच्चों से भी कराते है काम
हीना ने बताया कि उसके दो बच्चों की उम्र स्कूल जाने की हो गई है, लेकिन उनको स्कूल भेजने के बजाय काम कराया जाता है। उसको बाड़े पर जानवरों की देखभाल के लिए भेज दिया जाता है। वहां पर जानवरों का तो ख्याल रखा जाता है, लेकिन उन लोगों का नहीं।
और भी महिलाएं फंसी हुई है
हीना ने बताया कि गनी कई युवतियों को बहला फुसलाकर अफगानिस्तान लाकर छोड़ चुका है। इन सभी युवतियों का शोषण हो रहा है। उनको बेच दिया जाता है। उसने घर काम कराया जाता है। जिसके बदले में उसको सिर्फ खाना दिया जाता है। खर्च के लिए कोई पैसा नहीं दिया जाता है। जो उनको खरीदता है, उसके घर की महिलाओं के पुराने कपड़े उनको पहनने के लिए मिलते है।
अब मोदी का ही सहारा है
हीना का मायका पक्ष आर्थिक रूप से काफी कमजोर है। वह निरक्षर भी है। इसलिए हीना की मां यह नहीं जानती कि वह बेटी को कैसे ला सकती है। उनका कहना है कि अब मोदी जी से ही उनको उम्मीद है। वह किसी से खत लिखवाकर मोदी जी को भेजेंगी।