उत्तर कोरिया का जासूसी उपग्रह प्रक्षेपित करने का पहला प्रयास विफल, जानिए क्या था मकसद

उत्तर कोरिया का जासूसी उपग्रह प्रक्षेपित करने का पहला प्रयास विफल, जानिए क्या था मकसद

सियोल। उत्तर कोरिया का जासूसी उपग्रह प्रक्षेपित करने का पहला प्रयास विफल रहा। अमेरिका और दक्षिण कोरिया के साथ बढ़ते तनाव के बीच देश के नेता किम जोंग-उन की सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने के प्रयासों को यह एक बड़ा धक्का है। उत्तर कोरिया ने प्रक्षेपण के विफल रहने के तुरंत बाद ही दूसरा प्रक्षेपण करने का संकल्प जताया। इससे संकेत मिलता है कि किम अपने हथियारों के शस्त्रागार का विस्तार करने और अमेरिका तथा दक्षिण कोरिया पर अधिक दबाव बनाने को प्रतिबद्ध हैं। दोनों ही देशों के साथ उत्तर कोरिया के कूटनीतिक संबंध ठप हैं। 

दक्षिण कोरियाई सेना ने कहा कि दक्षिण-पश्चिमी द्वीप इओचॉन्गदो के पश्चिम में समुद्र में उत्तर कोरियाई रॉकेट के दुर्घटनाग्रस्त होने का अनुमान है। इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने एक सफेद, धातु के सिलेंडर की तस्वीरें जारी कीं, जिसे संदिग्ध रॉकेट का टुकड़ा बताया गया। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता एडम होज़ ने एक बयान में कहा कि अमेरिका, उत्तर कोरिया के इस प्रक्षेपण की कड़ी निंदा करता है क्योंकि उसने प्रतिबंधित बैलिस्टिक मिसाइल तकनीक का इस्तेमाल किया, तनाव बढ़ाया और क्षेत्र तथा उसके बाहर सुरक्षा को अस्थिर करने का जोखिम उठाया।

 उपग्रह को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित करने के लिए उत्तर कोरिया का लंबी दूरी की मिसाइल प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करना संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के माध्यम से लगाए गए प्रतिबंधों का उल्लंघन है। ‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ (केसीएनए) ने रॉकेट और उपग्रह के नाम के अलावा अन्य कोई विवरण नहीं दिया। हालांकि विशेषज्ञों ने पहले कहा था कि उत्तर कोरिया संभवत: तरल ईंधन वाले रॉकेट का इस्तेमाल करेगा, जैसा कि उसने पहले लंबी दूरी के रॉकेट और मिसाइलों के अधिकतर परीक्षण में किया है। 

उत्तर कोरिया इस अभियान के विफल रहने की पूर्ण समीक्षा करने की योजना बना रहा है। केसीएनए के अनुसार, उत्तर कोरिया के ‘राष्ट्रीय एयरोस्पेस विकास प्रशासन’ ने ‘‘ (द) कैरियर रॉकेट पर लागू नए प्रकार की इंजन प्रणाली की कम विश्वसनीयता और स्थिरता’’ और ‘‘ईंधन के ठीके से काम नहीं करने’’ को विफलता की वजह बताया। उत्तर कोरिया के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी री प्योंग चोल ने मंगलवार को कहा कि उत्तर कोरिया अंतरिक्ष-आधारित टोही उपग्रह को ‘‘अमेरिका और उसके अधीन बलों के खतरनाक सैन्य कृत्यों’’ की निगरानी के लिए ‘‘अपरिहार्य’’ मानता है।

 उन्होंने कहा कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया ‘‘आक्रमण की अपनी अविवेकपूर्ण महत्वाकांक्षा को खुले तौर पर प्रकट कर रहे हैं।’’ री ने अमेरिका व दक्षिण कोरिया के संयुक्त सैन्य अभ्यास की निंदा की थी। उत्तर कोरिया लंबे समय से यह कहता रहा है कि ये सैन्य अभ्यास उस पर संभावित हमले का पूर्वाभ्यास हैं। इससे पहले जापान के तटरक्षक बल ने सोमवार को कहा था कि उत्तर कोरिया के जलमार्ग अधिकारियों से मिले नोटिस के अनुसार, प्रक्षेपण 31 मई से 11 जून के बीच किया जा सकता है। जापान का तटरक्षक बल पूर्वी एशिया में समुद्री सुरक्षा सूचना का समन्वय करता है और उसे आगे भेजता है, इसी कारण उत्तर कोरिया ने यह नोटिस उसे भेजा है।

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