बरेली: कमिश्नर को सौंपे 1432 कर्मचारियों की देनदारी के दस्तावेज

अलकेमिस्ट की प्रशासन के साथ बैठक के बाद कर्मचारी नेता भी हुए सक्रिय

बरेली: कमिश्नर को सौंपे 1432 कर्मचारियों की देनदारी के दस्तावेज

बरेली, अमृत विचार। रबड़ फैक्ट्री केस में बॉम्बे हाईकोर्ट में फैसला सुरक्षित होने के तीन महीने बाद एक तरफ अलकेमिस्ट एसेट रि-कंस्ट्रक्शन लिमिटेड के प्रतिनिधियों की अदालत के बाहर बरेली प्रशासन के साथ बैठक हुई तो दूसरी तरफ कर्मचारी नेता भी सक्रिय हो गए हैं। जल्द अपना बकायामिलने की उम्मीद देखते हुए कर्मचारी नेताओं ने बुधवार को कमिश्नर सौम्या अग्रवाल से मिलकर उन्हें 1432 कर्मचारियों की देनदारी से संबंधित दस्तावेज सौंपे।

कर्मचारियों के इन दस्तावेज को ऑफिशियल लिक्विडेटर (आधिकारिक परिसमापक) बॉम्बे हाईकोर्ट सही मान चुका है, साथ ही ये दस्तावेज बॉम्बे हाईकोर्ट में चल रहे केस की फाइल में भी लग चुके हैं।फैक्ट्री की एसएंडसी कर्मचारी यूनियन के महासचिव अशोक मिश्रा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल कमिश्नर से मिला और उन्हें ज्ञापन के साथ 16 जनवरी को ऑफिशियल लिक्विडेटर मुंबई हाईकोर्ट के ऑफिस में हुई मीटिंग के मिनट्स की कॉपी भी सौंपी। 

संत प्रकाश शर्मा, प्रमोद कुमार, शैलेंद्र चौबे, शिवकांत, रमेश शर्मा आदि पदाधिकारियों ने कमिश्नर से कर्मचारियों के हित में बॉम्बे हाईकोर्ट में मजबूत पैरवी कराकर जल्द केस में फैसला कराने की मांग की। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि 1999 से फैक्ट्री बंद है। तभी से कर्मचारी बकाया मिलने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। बता दें कि इस केस में छह जून को बॉम्बे हाईकोर्ट में अगली सुनवाई होनी तय है।

इम्प्लाइज सेटलमेंट कमेटी भी मिली कमिश्नर से
बरेली। रबड़ फैक्ट्री से जुड़ी इम्प्लाइज सेटलमेंट कमेटी के अध्यक्ष विजेंद्र सिन्हा, मुकेश मेंहदीरत्ता, समन्वयक वीके चौधरी, एनएल मौर्य, एएम सक्सेना आदि ने भी बुधवार को कमिश्नर से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन देकर कहा कि कर्मचारियों के लंबित भुगतान का मामला गंभीर है। 23 वर्षों से समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। फैक्ट्री बंद होने के बाद संकटग्रस्त 40 कर्मचारियों का आकस्मिक निधन हुआ था। अब तक करीब 400 कर्मचारियों की मृत्यु हो चुकी है। फिर भी इस समस्या काे किसी भी मंच पर गंभीरता से नहीं लिया गया। उन्होंने 1450 कर्मचारियों के परिवारों का ध्यान रखते हुए समस्या का जल्द निदान ढूंढने की मांग की। ।

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