वाराणसी : भेलुपुर एसओ समेत 7 पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज 

कार की डिग्गी में मिले थे लगभग एक करोड़ 92 लाख रूपए

वाराणसी : भेलुपुर एसओ समेत 7 पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज 

वाराणसी, अमृत विचार। शहर में आश्चर्यचकित कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां अज्ञात वाहन से लगभग एक करोड़ 92 लाख रुपए बरामद हुआ था, लेकिन मामले का खुलासा अभी तक नहीं हो सका। जिसमे पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन ने मामले की जांच डीसीपी काशी जोन को देते हुए रिपोर्ट भी मांगी है।

भेलूपुर थाना क्षेत्र के शंकुधारा पोखरे के पास लावारिस कार की डिग्गी में एक करोड़ 92 लाख 94 हजार 6 सौ रुपये मिलने की बात पुलिस कर रही है और बड़ी रकम पर हाथ की सफाई की भी बात तेजी से फैलती जा रही है।लेकिन सच क्या है अभी तक सामने नहीं आया। पुलिस के जांच में सारनाथ इलाके का रहने वाला व्यक्ति की भूमिका सामने आई है। जो खुद को एक संगठन का प्रमुख एवं पुलिस विभाग में गुरुजी के नाम से चर्चित हैं। जब से नाम सामने आया है तब से गुरुजी नामक व्यक्ति का मोबाइल फोन बंद आ रहा है और घर से भी गायब हैं। 

पुलिस सूत्रों की माने तो गुरु जी नामक व्यक्ति की सूचना पर खोजवा इलाके में रकम पर हाथ की सफाई हुई थी। वही इस प्रकरण में चर्चाओं का बाजार गर्म है और अन्य कई बातें सामने आ रही है। जिसमें गुरु जी नामक व्यक्ति ने ही पुलिस कर्मियों को सहयोग एवं मदद करने पर लालच दिया था। जिसमे पहले राउंड में पैसे की गिनती हुई और उस गाड़ी को छोड़ दिया गया और दुबारा गाड़ी में पैसा आने पर सहयोग एवं मदद करने वाले पुलिसकर्मियों को पैसे मिलने से विवाद शुरू हो गया। उसके बाद ढेरों बाते बाहर निकली और उच्चाधिकारियों तक मामला पहुँच गया। जिसमें भेलूपुर इंस्पेक्टर रमाकांत दुबे को लाइन हाजिर कर दिया गया और उनके साथ पैसे पर हाथ की सफाई में शामिल अन्य पुलिसकर्मी दूसरी ओर खड़े हुए हैं। 

पुलिसकर्मियों कहना है कि उन्हें कुछ भी जानकारी नहीं थी। उनके प्रभारी के निर्देशों का पालन किया गया था। इस प्रकरण में अफसरों की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है। अब काशी जोन की जांच रिपोर्ट के बाद ही मामला साफ होगा। अभी तक जांच में लापरवाही बरतने के आरोप में इंस्पेक्टर भेलूपुर रमाकांत दुबे को लाइन हाजिर कर दिया गया है साथ ही खोजवा चौकी प्रभारी सुशील कुमार को  कोतवाली थाने से संबद्ध करते हुए पुलिस आयुक्त ने जांच डीसीपी काशी जोन आर.एस.गौतम का सौप कर रिपोर्ट मांगी है। 

वही मामले को लेकर चर्चाओं का बाजार लगातार गर्म होता ही जा रहा है। जिसमें पूरे मामले में पैसे के लेनदेन में हुए विवाद के कारण जिला ही नहीं बल्कि लखनऊ तक के अफसरों को जानकारी हो चुकी है। इस मामले में देखने वाली बात यह है कि भ्रष्ट पुलिस कर्मियों  पर कार्यवाही चंद दिनों के लिए होगी या फिर घर वापसी की बड़ी कार्यवाही की जाएगी। यह तो रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा।
  
ये भी पढ़ें -  गाजियाबाद में नशा मुक्ति केंद्र से भागे 50 मरीज, संचालक गिरफ्तार