UP: पुवायां में सेल एग्री कमोडिटीज फैक्ट्री पर ईडी का छापा

Amrit Vichar Network
Published By Monis Khan
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पुवायां, अमृत विचार। क्षेत्र के इनायतपुर स्थित सेल एग्री कमोडिटीज फैक्ट्री में प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार सुबह तड़के बड़ी कार्रवाई करते हुए छापेमारी की। ईडी की एक दर्जन से अधिक गाड़ियां सुबह करीब सात बजे फैक्ट्री परिसर में पहुंचीं और जांच शुरू की, जो देर शाम तक जारी रही। कार्रवाई के दौरान फैक्ट्री परिसर में किसी भी व्यक्ति के आने-जाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई।

छापेमारी में शामिल ईडी की सभी गाड़ियां दिल्ली और हरियाणा नंबर की बताई जा रही हैं। जांच के दौरान फैक्ट्री में मौजूद कर्मचारियों के मोबाइल फोन टीम ने अपने कब्जे में ले लिए। फैक्ट्री के भीतर जांच के दौरान सख्त निगरानी रखी गई और बाहरी लोगों को अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई। बताया गया है कि सेल एग्री कमोडिटीज फैक्ट्री बड़े पैमाने पर बासमती चावल का उत्पादन करती है और देश-विदेश में इसका निर्यात किया जाता है। इसके लिए कंपनी किसानों से भारी मात्रा में धान की खरीद भी करती है। सूत्रों की मानें तो इन्हीं गतिविधियों से जुड़े कुछ मामलों को लेकर ईडी की यह कार्रवाई की जा रही है। 

हालांकि इस संबंध में आधिकारिक रूप से कोई पुष्टि नहीं की गई है। छापेमारी के दौरान फैक्ट्री के बाहर पुलिस बल तैनात रहा, ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो। सूत्रों का कहना है कि ईडी की कार्रवाई लंबे समय तक चल सकती है, क्योंकि अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए बाहर से खाने-पीने का सामान, रजाई और गद्दे फैक्ट्री परिसर के अंदर भिजवाए गए। पूरे मामले में फैक्ट्री प्रबंधन और ईडी अधिकारियों ने मीडिया से दूरी बनाए रखी। देर शाम तक किसी भी पक्ष की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया। कार्रवाई को लेकर क्षेत्र में दिनभर चर्चा का माहौल बना रहा।

गुपचुप कार्रवाई पर दिनभर होती रही चर्चा
ईडी की इस कार्रवाई को लेकर दिनभर क्षेत्र में चर्चाओं का दौर चलता रहा। लोगों के बीच यह सवाल उठते रहे कि आखिर प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी और कर्मचारी अपनी कार्रवाई को इतनी गोपनीयता में क्यों अंजाम देते हैं। फैक्ट्री परिसर के भीतर किसी को प्रवेश न देना, मोबाइल फोन जब्त करना और मीडिया से दूरी बनाए रखना चर्चा का विषय बना रहा।

स्थानीय लोगों का कहना था कि ईडी की कार्रवाई में हमेशा सीमित जानकारी ही सामने आती है, जिससे तरह-तरह की अटकलें लगने लगती हैं। जांच एजेंसी की इस कार्यप्रणाली को लेकर यह भी चर्चा होती रही कि गोपनीयता के कारण वास्तविक तथ्यों की जानकारी आम लोगों तक देर से पहुंचती है। कार्रवाई के दौरान अधिकारी और कर्मचारी बिना किसी आधिकारिक बयान के जांच में जुटे रहते हैं, जिससे रहस्य बना रहता है। इसी कारण दिनभर लोग आपस में यही सवाल करते नजर आए कि ईडी आखिर किन मामलों की जांच कर रही है और कार्रवाई कब तक चलेगी।

फैक्ट्री प्रबंधन की चुप्पी भी बनी रहस्य
ईडी की कार्रवाई के दौरान फैक्ट्री प्रबंधन की खामोशी को लेकर भी दिनभर चर्चाएं होती रहीं। लोग सवाल उठाते रहे कि आखिर ऐसा क्या है, जिसके सामने आने का डर फैक्ट्री प्रबंधन को भी है, जो वह किसी भी तरह का पक्ष रखने से बच रहा है। आमतौर पर ऐसी कार्रवाइयों में प्रबंधन अपनी बात सामने रखने की कोशिश करता है, लेकिन यहां पूरी तरह चुप्पी साध लेना लोगों को खटकता रहा।कुछ लोगों का कहना था कि संभव है ईडी ने कार्रवाई के दौरान प्रबंधन को कानूनी दायरे और जांच की गंभीरता का ऐसा गणित समझा दिया हो, जिसके चलते वह कुछ भी बोलने से परहेज कर रहा है। वहीं यह चर्चा भी रही कि जांच से जुड़े तथ्यों के सार्वजनिक होने से प्रबंधन की स्थिति और कमजोर न हो जाए, इसी आशंका के कारण मीडिया से दूरी बनाई जा रही है। फैक्ट्री प्रबंधन की यह खामोशी कई सवालों को जन्म दे रही है और इसी कारण पूरे दिन क्षेत्र में अटकलों और चर्चाओं का माहौल बना रहा।

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