महाराष्ट्र में छोटे मुद्दों को दिया जा रहा है धार्मिक रंग, सत्ताधारी दल दे रहे हैं बढ़ावा: शरद पवार

महाराष्ट्र में छोटे मुद्दों को दिया जा रहा है धार्मिक रंग, सत्ताधारी दल दे रहे हैं बढ़ावा: शरद पवार

औरंगाबाद। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने बुधवार को दावा किया कि महाराष्ट्र में कुछ छोटे मुद्दों को “धार्मिक रंग” दिया जा रहा है और सत्ताधारी दल ऐसी चीजों को बढ़ावा दे रहे हैं, जो चिंता का विषय है।

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अहमदनगर में एक जुलूस के दौरान 17वीं शताब्दी के मुगल बादशाह औरंगजेब की तस्वीर लहराए जाने की घटना तथा कोल्हापुर में कुछ स्थानीय लोगों द्वारा कथित तौर पर टीपू सुल्तान की तस्वीर तथा आपत्तिजनक ऑडियो संदेश सोशल मीडिया “स्टेटस” पर पोस्ट किए जाने की घटना की पृष्ठभूमि में पवार का यह बयान आया है।

कानून-व्यवस्था की स्थिति और हिंसा की कुछ घटनाओं के बारे में पूछे जाने पर पवार ने दावा किया कि राज्य में कुछ छोटे मुद्दों को “धार्मिक रंग” दिया जा रहा है। उन्होंने औरंगाबाद में संवाददाताओं से कहा, “शासक राज्य में कानून और व्यवस्था स्थापित करने के लिए जिम्मेदार हैं। अगर सत्ता पक्ष और उनके लोग इसे लेकर सड़कों पर उतर आते हैं और दो धर्मों के बीच दरार पैदा करते हैं तो यह शुभ संकेत नहीं है।”

पवार ने आरोप लगाया, “हाल ही में हमने अहमदनगर के बारे में सुना। आज मैंने कोल्हापुर की खबर देखी। लोग सड़कों पर निकल आए और फोन पर संदेश भेजने की एक छोटी सी घटना को धार्मिक रंग देना अच्छा संकेत नहीं है। सत्ताधारी दल ऐसी बातों को बढ़ावा दे रहे हैं।”

कोल्हापुर में, दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं के एक समूह ने कुछ लोगों द्वारा सोशल मीडिया “स्टेटस” के रूप में एक आपत्तिजनक ऑडियो संदेश के साथ टीपू सुल्तान की छवि के कथित उपयोग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि बाद में कुछ लोगों ने पथराव किया, जिसके कारण पुलिस को उनके खिलाफ बल प्रयोग करना पड़ा।

राकांपा प्रमुख ने कहा कि मोबाइल फोन से भेजे गए किसी भी संदेश को धार्मिक रंग देना गलत है। उन्होंने कहा, “कानून-व्यवस्था और शांति बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है। लेकिन अगर सरकार ही लोगों को भड़काती है और समाज में फूट पैदा करती है तो यह अच्छा संकेत नहीं है।” पवार ने कहा कि राज्य में पिछले कुछ दिनों में दंगे जैसी घटनाएं हुई हैं। उन्होंने पूछा, “लेकिन अच्छी बात यह है कि तनाव संबंधित क्षेत्रों तक ही सीमित है।

लेकिन ऐसा जानबूझकर किया जा रहा है। उदाहरण के लिए, अगर किसी ने औरंगाबाद में औरंगजेब की तस्वीर दिखाई है, तो पुणे में विरोध करने का क्या कारण है?” पवार ने यह भी आरोप लगाया कि ओडिशा और कुछ अन्य राज्यों में चर्च पर हमले हो रहे हैं।

उन्होंने कहा, “ईसाई एक शांतिपूर्ण समुदाय है। दोषियों को सजा मिलनी चाहिए लेकिन इसके बजाय चर्च पर हमले हो रहे हैं। एक व्यक्ति ऐसा नहीं कर सकता। लेकिन एक खास विचारधारा काम कर रही है जो समाज के लिए ठीक नहीं है।” 

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