PM Modi US Visit : पीएम मोदी ने चीन और रूस को सुनाई खरी-खरी, बोले- हम तटस्थ नहीं...
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तीन दिवसीय अमेरिका दौरे के लिए मंगलवार को भारत से रवाना हो गए हैं। इसी बीच एक प्रमुख अमेरिकी अखबार ('वॉल स्ट्रीट जर्नल' WSJ) में उनका इंटरव्यू प्रकाशित हुआ है, जिसमें उन्होंने भारत-अमेरिका रिश्तों, चीन, रूस-यूक्रेन युद्ध समेत तमाम मुद्दों पर बात की है। पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि हम तटस्थ खड़े हैं, लेकिन हम तटस्थ नहीं बल्कि शांति के पक्ष में खड़े हैं।
Prime Minister @narendramodi emplanes for the USA visit. He will be attending programmes in New York City and Washington DC. pic.twitter.com/gleEHiw0AC
— PMO India (@PMOIndia) June 20, 2023
पीएम ने कहा कि भारत संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान में विश्वास रखता है। 'भारत किसी भी मतभेद और विवाद के कानूनी और शांतिपूर्ण हल का पक्षधर है लेकिन अपनी संप्रभुता और मान-सम्मान की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार और समर्पित भी है।' पीएम मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका के नेताओं में एक-दूसरे के प्रति अभूतपूर्व विश्वास पैदा हुआ है। भारत एक बड़ी और महती भूमिका निभाने की योग्यता रखता है। उन्होंने कहा कि 'हम भारत को किसी अन्य देश के पिछलग्गू के रूप में नहीं देखते। हम भारत को दुनिया में उसकी सही जगह पाते देख रहे हैं।'
Leaving for USA, where I will attend programmes in New York City and Washington DC. These programmes include Yoga Day celebrations at the @UN HQ, talks with @POTUS @JoeBiden, address to the Joint Session of the US Congress and more. https://t.co/gRlFeZKNXR
— Narendra Modi (@narendramodi) June 20, 2023
पीएम मोदी ने अमेरिकी अखबार से कहा कि 'सभी देशों को अंतरराष्ट्रीय कानूनों और देशों की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए। विवादों का हल 'कूटनीति और बातचीत' से होना चाहिए, युद्ध से नहीं।' पीएम ने कहा कि 'कुछ लोग कहते हैं कि हम तटस्थ हैं, लेकिन हम तटस्थ नहीं हैं। हम शांति के पक्षधर हैं।' उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया को यकीन है कि भारत की प्राथमिकता शांति है। मोदी ने कहा कि भारत उन सभी जेनुइन कोशिशों का साथ देगा जो संघर्ष को खत्म कर शांति और स्थिरता ला सकती हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि मैं आजाद भारत में जन्म लेने वाला पहला प्रधानमंत्री हूं और इसी वजह से मेरे सोचने का ढंग, मेरे काम करने का तरीका, मेरे कहने का अंदाज... सब पर मेरे देश के गुणों और परंपराओं का प्रभाव है। मुझे इसी से ताकत मिलती है।
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