पंजाब: पटियाला में बारिश से हालात गंभीर, राजपुरा थर्मल पावर प्लांट में घुसा बाढ़ का पानी 

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Published By Om Parkash chaubey
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पटियाला (पंजाब)। पंजाब का पटियाला जिला भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात का सामना कर रहा है और प्राधिकारियों ने बढ़ते संकट से निपटने के लिए सेना की सहायता मांगी है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि यहां बाढ़ का पानी राजपुरा थर्मल पावर प्लांट के परिसर में घुस गया जिससे संयंत्र की 700 मेगवाट की एक इकाई को बंद करना पड़ा।

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प्राधिकारियों ने जिले में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रबंधन बल (एसडीआरएफ) के दलों को राहत एवं बचाव कार्य के लिए तैनात किया है। अधिकारियों ने बताया कि राजपुरा शहर में सतलुज यमुना लिंक नहर तटबंध टूटने के कारण उफान पर है और पटियाला जिला प्रशासन ने सेना से सहायता मांगी है।

पटियाला की उपायुक्त साक्षी साहनी ने बताया कि राजपुरा के एक निजी अस्पताल में रविवार को बाढ़ का पानी घुस गया जिसके बाद मरीजों को अन्य अस्पतालों में भेजा गया। जिले में सेना की मदद से एक निजी विश्वविद्यालय से करीब 800 छात्रों को सफलतापूर्वक बचाया गया। अधिकारियों ने बताया कि घग्गर, मारकंडा, पचीसदरा, नरवाना, टांगरी और पटियाला जैसी विभिन्न नदियों में, उनकी सहायक नदियों में और नहरों में पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है।

इन नदियों में जलस्तर अत्यधिक हो जाने की वजह से आसपास के गांवों और इलाकों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। प्राधिकारी जान-माल के नुकसान को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने और प्रभावित लोगों को समय पर राहत देने के लिए तत्पर हैं। क्षेत्र में हालात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कई सड़कें पानी में बह गईं, और बड़ी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया

जिससे पटियाला शहर के नजदीक गोपाल कॉलोनी और अरई मजारी में बाढ़ आ गई। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह बचाव अभियानों का जायजा लेने के लिए प्रभावित इलाकों में पहुंचे। स्थानीय विधायक अजीत पाल सिंह खोली भी बचाव कार्य में मदद कर रहे हैं। कई लोगों ने स्थिति से निपटने को लेकर राज्य सरकार की आलोचना की।

पटियाला की सांसद परनीत कौर ने सरकार की प्रतिक्रिया को लेकर असहमति जताई तथा अधिक प्रभावशाली उपायों का आह्वान किया। पटियाला के पूर्व सांसद धर्मवीरा गांधी ने कहा कि लोगों को विनाशकारी बाढ़ से बचाने के लिए सरकार को युद्ध स्तर पर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए थी।

अधिकारियों ने बताया कि अब तक जिले में कहीं से भी किसी की जान जाने की खबर नहीं है। उन्होंने बताया कि बाढ़ के कारण जिले के विभिन्न हिस्सों में धान की फसल को नुकसान होने की आशंका है।

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