अमेरिका ने भारत को सौंपी 105 प्राचीन वस्तुएं, तरणजीत सिंह संधू बोले- प्राचीन वस्तुएं सिर्फ कला ही नहीं बल्कि हमारी विरासत
न्यूयॉर्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा के कुछ दिन बाद दूसरी-तीसरी शताब्दी ईस्वी से लेकर 18वीं-19वीं शताब्दी ईस्वी तक की कुल 105 प्राचीन वस्तुओं को अमेरिकी अधिकारियों की ओर से भारत को वापस भेजा जा रहा है। अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू, महावाणिज्य दूत रणधीर जायसवाल और मैनहट्टन जिला अटॉर्नी कार्यालय के अधिकारियों की उपस्थिति में न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्य दूतावास में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में अमेरिका द्वारा कुछ मूल्यवान भारतीय प्राचीन वस्तुएं सौंपी गईं।
105 Indian antiquities to return home!
— Taranjit Singh Sandhu (@SandhuTaranjitS) July 17, 2023
Delighted to attend a ceremony in #NewYork this morning, marking the restitution of 🇮🇳 artifacts following PM @narendramodi’s State Visit.
Appreciate the cooperation extended by 🇺🇸 in protection & exchange of cultural property@PMOIndia pic.twitter.com/MKd1FPRI3L
संधू ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भारत वापस भेजी जा रहीं ये प्राचीन वस्तुएं सिर्फ कला का ही नहीं बल्कि हमारी विरासत, संस्कृति और धर्म का भी हिस्सा हैं।’’ उन्होंने कहा कि इन प्राचीन वस्तुओं को जल्द ही भारत ले जाया जाएगा। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि कुल 105 कलाकृतियां हैं, जिनमें से 47 पूर्वी भारत से, 27 दक्षिणी भारत से, 22 मध्य भारत से, छह उत्तरी भारत से और तीन पश्चिमी भारत से हैं। इसमें कहा गया है कि दूसरी-तीसरी शताब्दी ईस्वी से लेकर 18वीं-19वीं शताब्दी ईस्वी तक की अवधि की ये कलाकृतियां टेराकोटा, पत्थर, धातु और लकड़ी से बनी हैं।
पिछले महीने प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका की राजकीय यात्रा के दौरान इन सांस्कृतिक वस्तुओं की वापसी में मदद करने के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन को धन्यवाद दिया था। संधू ने मैनहट्टन जिला अटॉर्नी कार्यालय के प्रति आभार व्यक्त किया और सुरक्षा अधिकारियों तथा अन्य एजेंसियों को इन कलाकृतियों को भारत वापस लाने में मदद करने के लिए उनकी प्रतिबद्धता और प्रयासों के वास्ते धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक वस्तुओं के अवैध व्यापार को रोकने के लिए भारत और अमेरिका एक साथ मिलकर काम करने पर सहमत हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इससे हमारी एजेंसियों के बीच सहयोग और मजबूत होगा और तस्करों के लिए बचना मुश्किल हो जायेगा।’’ मैनहट्टन डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी कार्यालय के ‘चीफ ऑफ स्टॉफ’ जॉर्डन स्टॉकडेल ने कहा कि एक दशक से अधिक समय से एजेंसी ने सुरक्षा एजेंसी के साथ मिलकर दुनियाभर से कलाकृतियों को अवैध रूप से लूटने और बेचने के लिए तस्कर सुभाष कपूर और उसके सह-साजिशकर्ताओं की जांच की है।
प्रधानमंत्री मोदी की 2016 की अमेरिका यात्रा के दौरान अमेरिका की ओर से 16 प्राचीन वस्तुएं सौंपी गई थीं। इसी तरह 2021 में अमेरिकी सरकार ने 157 कलाकृतियां सौंपीं थीं, जो सितंबर 2021 में प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा के बाद भारत लाई गई थीं। विज्ञप्ति में कहा गया है कि इन 105 प्राचीन वस्तुओं के साथ अमेरिका ने 2016 से अब तक भारत को कुल 278 सांस्कृतिक कलाकृतियां सौंपी हैं।
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