कांग्रेस से बर्खास्त मंत्री गुढ़ा ने राजस्थान के सभी मंत्रियों का नार्को टेस्ट कराने का दिया सुझाव, जानें क्यों

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Published By Shobhit Singh
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जयपुर। विधानसभा में कथित 'लाल डायरी' लहराने के एक दिन बाद, राजस्थान के बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने मंगलवार को राज्य के सभी मंत्रियों का 'नार्को टेस्ट' कराने की मांग की। गुढ़ा ने पीटीआई-भाषा के साथ साक्षात्कार में गहलोत एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच जारी कथित झगड़े में पायलट का पक्ष लिया। 

गुढ़ा ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट को 'निकम्मा', 'नकारा' और 'गद्दार' कहने के लिए गहलोत पर निशाना साधा। गुढ़ा ने कहा, पायलट के पिता राजेश पायलट ने कांग्रेस के लिए बरसों से काम किया। 20 साल से सचिन पायलट भी पार्टी के लिए काम कर रहे हैं। कांग्रेस विधायक ने 2018 में पार्टी की परफॉर्मेंस का जिक्र करते हुए कहा, जो (पायलट) पार्टी को 21 सीटों से 99 सीटों पर ले आया, वह 'निकम्मा' तो नहीं हो सकता।

गुढ़ा ने एक तरह से गहलोत पर कटाक्ष करते हुए कहा, ''अगर कोई व्यक्ति 200 में से 21 अंक (सीटें) लेकर आए क्या उस व्यक्ति को कर्मठ बोलेंगे'' उल्लेखनीय है कि गुढ़ा ने सोमवार को विधानसभा में 'लाल डायरी' को लेकर हंगामा किया और उसके बाद 'धक्का-मुक्की व असहज' दृश्यों के बाद उन्हें विधानसभा से निलंबित कर दिया गया था। इससे पहले महिलाओं के खिलाफ अपराध के मुद्दे पर विधानसभा में अपनी ही पार्टी की सरकार को घेरने के कुछ घंटों बाद, शुक्रवार की शाम को उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया । इसके बाद से गुढा गहलोत पर निशाना साध रहे हैं। 

गुढ़ा के पास सैनिक कल्याण (स्वतंत्र प्रभार), होमगार्ड और नागरिक सुरक्षा, पंचायती राज और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री का कार्यभार था। पूर्व मंत्री ने मंगलवार को यह भी दावा किया कि वह इस डायरी को विधानसभा के पटल पर रखना चाहते थे। उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, 'नार्को टेस्ट एक वैज्ञानिक और विश्वसनीय टेस्ट है। दुनिया भर की एजेंसियां इसे सही मानती हैं। यहां तक कि न्यायपालिका भी इसे स्वीकार करती है। 

मैं कह रहा हूं कि पूरी मंत्रिपरिषद का नार्को टेस्ट करवा लिया जाए, मेरा भी करवाया लिया जाए तो ये दुष्कर्म एवं भ्रष्टाचार की बाते हैं... कौन झूठ बोल रहा है, कौन सच बोल रहा है, सब सामने आ जाएगी।' यह पूछे जाने पर कि क्या डायरी में सिर्फ एक मंत्री या कई मंत्रियों का जिक्र है, गुढ़ा ने कहा, "यहां कांग्रेस की सरकार नहीं है, गहलोत की सरकार है। वह गृह मंत्री, वित्त मंत्री और मुख्यमंत्री हैं। साथ ही, पीसीसी प्रमुख और राज्य कांग्रेस प्रभारी उनकी जेब में हैं। सारा सिस्टम आल इन वन है। 

एक आदमी ही सिस्टम है उसको उस डायरी से बहुत खतरे थे।' पूर्व मंत्री ने कहा, 'ये मेरे पर आरोप लगा रहे हैं कि मैं भाजपा से मिला हुआ हूं 2008 में बहुमत नहीं था गहलोत जी के पास छह विधायक मैंने दिए तब वह सरकार बना पाए अल्पमत में थे वे।' उल्लेखनीय है कि गुढ़ा उन छह विधायकों में से एक हैं जिन्होंने 2018 का विधानसभा चुनाव बसपा के टिकट पर जीता लेकिन बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए। पूर्व मंत्री ने कहा, "मुख्यमंत्री मेरे बेटे के जन्मदिन पर मेरे निर्वाचन क्षेत्र में आए थे। 

उन्होंने यहां तक कहा कि अगर गुढ़ा नहीं होते तो वह आज मुख्यमंत्री नहीं होते।" गहलोत द्वारा उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त करने का जिक्र करते हुए गुढ़ा ने कहा, 'मैंने केवल यह कहा था कि हमें महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मुद्दों पर अपने गिरेबान में झांकने की जरूरत है। जिसके लिए मुझे मंत्रिपरिषद से बर्खास्त कर दिया गया।' उन्होंने कहा, "हमने राज्यसभा चुनावों में उनके लिए छह बार मतदान किया है, दो बार मुख्यमंत्री के लिए उनका समर्थन किया है, राष्ट्रपति चुनाव में मतदान किया है। 

हमने राजनीतिक संकट के दौरान कांग्रेस सरकार को बचाया है। हमने राज्य और उनके लिए बहुत काम किया है।" इस सवाल का जवाब देते हुए कि क्या उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे आगामी चुनावों में कांग्रेस को प्रभावित करेंगे, पूर्व मंत्री ने कहा, "महिलाएं असुरक्षित महसूस कर रही हैं। भर्ती परीक्षा के पेपर लीक हो गए हैं। जो सदस्य बनाए गए थे वे पेपर बेचने में शामिल थे।" गुढ़ा ने कहा कि वह अपने विधानसभा क्षेत्र के हर गांव का दौरा करेंगे और अपने राजनीतिक करियर के बारे में भविष्य की रणनीति तय करने से पहले लोगों की राय लेंगे।

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