मलेशिया में मनाया गया राष्ट्रीय दिवस, मलेशियाई PM अनवर इब्राहिम ने लोगों से किया एकता का आह्वान
पुत्रजय (मलेशिया)। प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने मलेशियाई लोगों से नस्ली एवं धार्मिक कट्टरता को खारिज कर एकजुट होने का आग्रह किया। उन्होंने यह आह्वान बृहस्पतिवार को देश के 66वें स्वतंत्रता दिवस पर किया। आजादी का जश्न मनाने के लिए देश के लोगों ने आधी रात के समय जगह-जगह आतिशबाजी की। मुख्य परेड के साक्षी बनने के लिए बृहस्पतिवार की सुबह हजारों लोग प्रशासनिक राजधानी पुत्रजय में एकत्र हुए। उन्होंने राष्ट्रीय झंडे लहराए और बैंड के साथ जयघोष किया। इस दौरान वाहनों का लंबा काफिला देखा गया।
Usai Sambutan Hari Kebangsaan, saya dan Jemaah Menteri bersama mengiringi Yang di-Pertuan Agong Al-Sultan Abdullah Ri'ayatuddin Al-Mustafa Billah Shah dan Raja Permaisuri Agong, Tunku Azizah Aminah Maimunah Iskandariah ketemu rakyat pelbagai kaum yang bersama dalam acara ini… pic.twitter.com/0DEgujSC7e
— Anwar Ibrahim (@anwaribrahim) August 31, 2023
अनवर और देश के राजा अब्दुल्ला सुल्तान अहमद शाह भी परेड में गणमान्य व्यक्तियों में शामिल थे। राष्ट्रीय दिवस की पूर्व संध्या पर टेलीविजन पर प्रसारित संबोधन में अनवर ने मलेशियाई लोगों से अपील की कि वे अपने मतभेदों के चलते देश को बर्बाद न होने दें। उन्होंने चेतावनी दी कि शक्तिशाली देशों का पतन सिर्फ कुप्रबंधन या भ्रष्टाचार के कारण नहीं हुआ, बल्कि "जातीय और धार्मिक कट्टरता की आग’’ की वजह से हुआ। विभाजनकारी आम चुनाव के बाद नवंबर में सत्ता संभालने वाले अनवर ने कहा, ''इसे हल्के में मत लीजिए... हमारे मतभेद एक ऐसी ताकत हो सकते हैं जो समाज और देश के ताने-बाने को नष्ट कर सकते हैं।’’
मलेशिया में इस्लाम आधिकारिक धर्म है और बहुसंख्यक आबादी मुसलमानों की है। मलेशिया में बड़ी संख्या में चीनी और भारतीय अल्पसंख्यक भी हैं। आम चुनाव के बाद मलेशिया में नस्ली एवं धार्मिक विभाजन और गहरा गया, जिससे एक मजबूत इस्लामी-मलय राष्ट्रवादी विपक्षी गुट का उदय हुआ। अनवर के गठबंधन ने सबसे अधिक सीट जीतीं लेकिन सरकार बनाने के लिए बहुमत से पीछे रह गया। 76 वर्षीय अनवर ने बाद में पूर्व प्रतिद्वंद्वियों के समर्थन से एक बहु-गठबंधन एकता सरकार की स्थापना की।
राष्ट्रीय दिवस पर सुल्तान अब्दुल्ला ने फेसबुक पर एक पोस्ट में नस्ली एकता के लिए अनवर के आह्वान का समर्थन किया। उन्होंने कहा, "यह एकता देश की स्थिरता और समृद्धि की मुख्य कुंजी है, साथ ही वर्तमान और भविष्य की किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए हमारे लिए शक्ति पुंज और स्रोत भी है।" हालाँकि अनवर सरकार के पास संसद में दो-तिहाई बहुमत है, लेकिन वह अभी तक मलय मतदाताओं के बीच समर्थन हासिल करने में कामयाब नहीं हुए हैं। अनेक लोग उन्हें बहुत उदार मानते हैं। उन्हें डर है कि एक दशक पुराने सकारात्मक कार्रवाई कार्यक्रम के तहत उनकी इस्लामी पहचान और आर्थिक विशेषाधिकार छीने जा सकते हैं।
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